ग्रैमी पुरस्कारों की धूम में अनुष्का शर्मा के हाथ फिर निराशा लगी। हालांकि, इस बार ग्रैमी में भारत के लिए अच्छी खबर लेकर आए तबलावादक संदीप दास। उन्होंने यो यो मा के साथ वर्ल्ड म्यूजिक कैटिगरी में साझा रूप से ग्रैमी जीता। इस जोड़ी को उनके ऐल्बम ‘सिंग मी होम’ के लिए ग्रैमी मिला। इस श्रेणी में भारतीय सितारवादक अनुष्का शंकर का एल्बम ‘लैंड ऑफ गोल्ड’ भी नामित था। लेकिन वह पुरस्कार से चूक गयीं। अनुष्का शंकर छठी बार अपने विश्व संगीत नामांकन को ग्रैमी पुरस्कार में तब्दील करने में नाकामयाब रहीं। बीते वर्षों में कई नामांकनों के बावजूद उनकी झोली में ग्रैमी नहीं आया।
यो यो मा के ‘सिंग मी होम’ की धुनें विश्वभर के विभिन्न कलाकारों ने तैयार की हैं। यह एल्बम मा के ‘दी म्युजिक ऑफ स्ट्रेंजर्स’ यो यो मा ऐंड ‘दी सिल्क रोड एनसेंबल’ नाम के प्रोजेक्ट पर बनी डॉक्युमेंटरी का हिस्सा है। मा और दास के अलावा इस एल्बम में शामिल अन्य संगीतकार हैं- न्यूयॉर्क के रहने वाले सीरियाई शहनाई वादक किनान अजमेह। अजमेह अमेरिकी राष्ट्रपति के यात्रा प्रतिबंध के आदेश के बाद विदेश में ही रहने को मजबूर थे। जब एक अदालत ने इस आदेश पर रोक लगाई तब जाकर अजमेह देश लौट सके।
अनुष्का (35) को उनकी एल्बम ‘लैंड ऑफ गोल्ड’ के लिए नामित किया गया था जो वैश्विक शरणार्थी संकट पर आधारति है। संगीत समारोह में वह अपने पति एवं ब्रिटिश निर्देशक जो राइट के साथ पहुंची थी। अनुष्का मशहूर सितार वादक पंडित रवि शंकर की बेटी हैं। 20 साल की उम्र में उन्हें पहली बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। बहरहाल उनके दिवंगत पिता के नाम दो व्यक्तिगत और दो साझा ग्रैमी पुरस्कार हैं।