पिछले दो सालों में इराक़ और सीरिया में ख़ुद को इस्लामिक स्टेट कहने वाले समूह के 50,000 लड़ाकों की जानें जा चुकी हैं। ये आकड़े अमरीकी गठबंधन सेना के इन दोनों जगहों पर हमले शुरु होने के बाद के हैं। हालांकि अमरीका बार-बार चेतावनी देता रहा है कि आईएस लड़ाकों की भर्ती तेज़ी से कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक मूसल जैसे इलाक़ो में हवाई हमले तेज़ किए जा सकते थे लेकिन नागरिकों के हताहत होने की भी पूरी संभावना से इसे रोक दिया गया है।
आईएस साल 2014 में बहुत मज़बूत दिखाई दे रहा था लेकिन फ़िलहाल उसपर रूसी, तुर्की, इराक़ी, सीरियाई, कुर्द, अमरीकी और ब्रितानी – दप तरफ़ से हमले हो रहे हैं।