काला हिरण मामले में सलमान खान को बड़ी राहत मिलती दिखाई दे रही है। राजस्थान हाई कोर्ट के मुताबिक जो छर्रे खान के कमरे से बरामद हुए हैं और जो छर्रे सलमान खान की गाड़ी से मिले हैं वो अलग-अलग हैं। साथ ही जिस चाकू की बरामदगी दिखाई गई है, वह पॉकेट नाइफ है और फोल्डेड भी है। इस चाकू से न तो हिरण की गर्दन काटी जा सकती है और न ही उसकी खाल उतारी जा सकती है। अब अगली सुनवाई 10 मई को मुकर्रर की गई है।
पुलिस के सबूत पर हाई कोर्ट ने उठाए सवाल
दरअसल हाई कोर्ट ने पाया कि जो छर्रे सबूत के तौर पर दिए गए वो आपस में मेल नहीं खाते और चाकू इतना छोटा होता है कि उससे हिरण को नहीं काटा जा सकता। वन विभाग ने दावा किया था कि शिकार करने के लिए जो फायर किया गया था वो छर्रे सलमान और सैफ अली के रूम और जिप्सी से बरामद हुए थे। लेकिन कोर्ट में जब ये पेश किए गए तो कोर्ट ने कहा कि दोनों ही छर्रे अलग-अलग हैं और चाकू बहुत ही छोटे हैं।
वकील का दावा- सलमान को साजिशन फंसाया
सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि इन छर्रों से हिरण का शिकार नहीं किया जा सकता. जो छर्रे बताए जा रहे हैं वो भी मेल भी नहीं खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सलमान खान को इस मामले में साजिशन फंसाया गया है। साथ ही वो चाकू भी पेश किया गया जिसे वन विभाग ने कहा था कि इस चाकू से काले हिरण की गर्दन खान ने काटी और उसके स्कीन उतारे। उस पर भी कोर्ट ने कहा कि ये तो पॉकेट चाकू है इससे गर्दन काटना संभव नहीं है। पुलिस की दलील थी कि सलमान खान ने जिस चाकू से हिरण को काटा था वो चाकू उसने सलमान के भाई सोहेल खान से बरामद किया था। लेकिन सलमान के वकील ने कोर्ट में बताया की इस चाकू पर कोई भी खून का निशान नहीं हैं और नहीं कभी इसे काम में लाया गया है।
इस मामले में अब 10 मई को सुनवाई
गौरतलब है कि जोधपुर के काले हिरण शिकार मामले में निचली अदालत से 5 साल की सजा पाकर सलमान खान जोधपुर हाईकोर्ट से जमानत पर हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 मई को होगी। विश्नोई समाज के वकील ने कहा कि हम अपनी दलीलें 10 मई को रखेंगे. गौरतलब है कि हिरण शिकार मामले में विश्नोई समाज सलमान खान का विरोध कर रहा है। ये समाज प्रकृति और जीव-जन्तु की पूजा करता है।
चिंकारा शिकार मामले में सुनवाई पूरी
इससे पहले दो चिंकारा शिकार के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में भी निचली अदालत से सलमान खान को एक साल की सजा सुनाई गई थी। जबकि दो काले हिरणों के शिकार के दूसरों मामले और अवैध हथियार मामले में सुनवाई जोधपुर की निचली अदालत में चल रही है।