देहरादून, ब्यूरो। उत्तराखंड में मानसून क्या आया, तबाही मच गई। शुक्रवार से लगातार भारी बारिश से उत्तराखंड के कई इलाकों में सैलाब आ गया है। बाढ़ और भूस्खलन से चमोली-पिथौरागढ़ जिलों में लगभग 30 लोगों के मरने व कई कई के लापता होने की बात बताई जा रही है। यमुनोत्री और केदारनाथ के रास्ते पर हजारों लोग फंसे हैं। दो बच्चों के नदी में बहनेकी खबर है। इन जिलों में कई जगहों पर बादल फटे हैं। अलकनंदा, सरयू और मंदाकिनी समेत करीब 10 नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग बंद है। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल भेजे गए हैं।
नौलाड़ा क्षेत्र में भूस्खलन से एक ही परिवार के तीन लोगों के दबे होने की आशंका है। टोपराधार दाफिला में दो मकान गिरने से तीन जानवर मलबे में दबकर मर गए। धारचुला इलाके में तीन और जौलजीबी में दो पुल बह गए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बारिश-बाढ़ में मारे गए लोगों के लिए दुख जताया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मरने वालों के परिवार को 2-2 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा है। उन्होंने कहा, हमने एनडीआरएफ की टीमों को बचाव कार्य के लिए भेजा है।
चमोली और पिथौरागढ़ के 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 2 घंटे के भीतर 10 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। पुलिस के साथ बचाव दल मलबा हटाने में लगा है। कई शहरों में हालात बिगड़ गए हैं। 18 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। भारी बारिश के कारण ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चट्टान आ गिरी, जिससे हाइवे बंद हो गया।
पिथौरागढ़ के डीडीहाट में सबसे अधिक पांच लोग मारे गए हैं। नौलाड़ा में के चिफलवाकुमल्गोनि में एक मकान पहाड़ी से आए मलबे में दब गया, जिससे एक ही एक ही परिवार के तीन सदस्य दब गए। बस्तड़ी में मलबे में दबे 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सिंगाली, दाफिला, बस्तड़ी और नौलाड़ा क्षेत्र में बादल फटने से जमीन से पानी निकल रहा है।
ओपिनियन पोस्ट से बातचीत में कहा गया कि पिथौरागढ़ जिले में पहली जुलाई को रात्रि 1 बजे राज्य अतिवृष्टि से कई स्थानों पर क्षति हुई। पिथौरागढ़ के डीडीहाट एवं थल तहसील में बाढ़ आने से भूस्खलन हुआ है। सिगांली, दाफीला, बस्तड़ी और नौलाड़ा क्षेत्र में 12 परिवारों के प्रभावित होने और चार मौतों एवं 15लोगों के दबने की सूचना है। 12 भवन आंशिक एवं चार भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बस्तड़ी गांव में क्षति हुई है। जौलजीबी बरम के बीच खनपेरा के पास नाले में उफान आने से दो पुल और ग्रैफ का डिपो बह गए। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ग्रामीण मोटर मार्ग भूस्खलन से अवरूद्ध है। कनालीछीना-अस्कोट-धारचूला राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर टूटने से अवरूद्ध है। थल-मुनस्यारी मार्ग भूस्खलन एवं मलवा आने से अवरूद्ध है। मार्ग को खोलने के लिए बीआरओ एवं जे.सी.बी. का उपयोग किया जा रहा है। खोज, बचाव एवं राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी एवं आईटीबीपी, खोज एवं बचाव दल डीएमएमसी एवं पुलिस बल व राजस्व की विभाग की टीम प्रभावित स्थलों में राहत बचाव का कार्य कर रही है।
स्कूल बंद रखने का निर्देश
चमोली जिले में तहसील घाट ग्राम जाखण़ी में अतिवृष्टि/भूस्खलन से पांच मौतों एवं एक के लापता की सूचना प्राप्त हुई है। खोज, बचाव व राहत कार्य किया जा रहा है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग साकणीधार एवं कुल्हेड़ के पास मलवा आने से अवरूद्ध है। लोनिवि एवं ग्रैफ द्वारा राजमार्ग को खोलने का कार्य किया जा रहा है।
मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में अगले 2-3 दिनों में प्रदेश में भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई गई है। अगले 72 घंटों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की भी चेतावनी दी गई है। जिलाधिकारियों को नदी के आस-पास संवेदनशील क्षेत्रों की बसावटों में उद्घोषण के साथ-साथ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में विषेशरूप से भारी वर्षा के आसार हैं। इसलिए मैदानी क्षेत्रों में संवेदशील क्षेत्रों की बसावटों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए राहत बचाव दलों को सतर्क रहने तथा पानी वाले स्थानों पर आवाजाही बंद रखने व स्कूलों को बंद रखने के निर्देश आपदा प्रबन्धन विभाग ने दिए हैं।
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