ओपिनियन पोस्ट
इस बार बजट सत्र के बाद राज्यसभा में बड़ा बदलाव दिखाई देगा। कई ग्लैमरस और राजनीति के बड़े चेहरे रिटायर होने वाले हैं। सदन के ग्लैमरस समझे जाने कई चेहरे दिखाई नहीं देंगे। एक तरफ जहां राज्यसभा से लोकप्रिय सितारेे रेखा, जया बच्चन, तेलुगु फिल्मों के सितारे चिरंजीवी, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और हॉकी के मैदान से बीजू जनता दल के सांसद बने दिलीप टिर्की विदा हो जायेंगे तो सियासत के कई कद्दावर चेहरे भी अप्रैल के बाद सर्वोच्च सदन में दिखाई नहीं देंगे।
प्वाइंट ऑर्डर उठाने के लिए नाम कमा चुके सपा के नरेश अग्रवाल और कांग्रेस के राजीव शुक्ला, सत्ताधारी दल की ओर से हमलों की कमान संभालने वाले भूपेंद्र यादव, कांग्रेस की रेणुका चौधरी, कानूनी दांव-पेचों में माहिर कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और अपनी हाजिर जवाबी के लिए अलग मुकाम कायम कर चुके प्रमोद तिवारी से सदन महरूम हो जाएगा।
बीजेपी की ओर से विपक्ष को करारा जवाब देने वाले पुरुषोत्तम रुपाला और विनय कटियार का कार्यकाल भी अप्रैल में ही समाप्त हो रहा है।
इसके अलावा अरुण जेटली, जेपी नड्डा और रविशंकर प्रसाद जैसे केंद्रीय मंत्रियों को दोबारा चुनकर राज्यसभा में आना होगा। बता दें कि 2 से 26 अप्रैल के बीच 52 सदस्य रिटायर होंगे। ऐसे में राज्यसभा में केवल 23 महिला सदस्य रह जाएंगी। सबसे ज्यादा भाजपा से 17 सांसद इस बार रिटायर होंगे। जबकि कांग्रेस से 11 और सपा से 06 सदस्य रिटायर होंगे।
सचिन तेंडुलकर
27 अप्रैल 2012 को मनोनीत। कभी सदन में बोल नहीं पाए। पिछले विंटर सेशन में 7 मिनट खड़े रहे, मगर हंगामे के कारण बोल नहीं सके।
उन्होंने लिखित में 22 सवाल पूछे। इनमें 8 रेलवे से जुड़े थे। सरकार ने सचिन को दो आश्वासन ही दिए।
रेखा
27 अप्रैल 2012 को राज्यसभा में कदम। कोई सवाल नहीं पूछा, कोई स्पेशल मेंशन नहीं किया, कोई प्राइवेट मेंबर बिल नहीं पेश किया। हाजिरी के 78% नेशनल औसत के मुकाबले वह 5% समय ही सदन में रहीं।
जया बच्चन
सपा सांसद के तौर पर राज्यसभा में 3 अप्रैल 2012 को आईं। बहसों में हिस्सेदारी, सवाल पूछने और स्पेशल मेंशन के तहत मुद्दे उठाने में काफी अच्छा रिकॉर्ड। उन्होंने सदन में 77% अटेंडेंस दर्ज कराई। 143 बहसों में हिस्सा लिया, 143 सवाल किए।