निशा शर्मा।
फ्रांस में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में किसके हाथ बाजी लगेगी इस पर कहना अब इतना मुश्किल नहीं रहा। दरअसल,, रविवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव में कुल 11 उम्मीदवार थे, जिनमें सबसे ज्यादा 23.9 प्रतिशत वोट इमानुएल माक्रों को मिले जबकि 21.4 प्रतिशत वोटों के साथ मरीन ले पेन दूसरे स्थान पर रहीं। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए 50 प्रतिशत वोटों का आंकड़ा पार करना जरूरी है, इसलिए अब दोनों उम्मीदवारों के बीच 7 मई को दूसरे चरण का आमने-सामने का मुकाबला होगा।
अभी तक के परिणामों में इमानुएल माक्रों आगे नजर आ रहे हैं, वही पहले चरण में हारने वाले सोशलिस्ट उम्मीदवार बेनोआं आमों और रुढ़िवादी फ्रांसोआ फियों ने दूसरे चरण के लिए माक्रों को अपना समर्थन दिया है। इसके पीछे इनकी रणनीति यह है कि वह मरीन ले पेन को जीताना नहीं चाहते।
कौन हैं इमानुएल माक्रों-
एक सप्ताह पहले के मतसर्वेक्षणों में 26 प्रतिशत समर्थन के साथ उदार-वामपंथी 39 साल के इमानुएल माक्रों एक नया चेहरा हैं। उनके पिता न्यूरोसाइंस के प्रोफ़ेसर हैं और मां डॉक्टर। दर्शनशास्त्र की पढ़ाई करने वाले और प्रशासनिक कार्यों का प्रशिक्षण पा चुके माक्रों फ्रांस के वित्तमंत्रालय में कुछ समय काम करने के बाद इनवेस्टमेंट बैंकर भी रहे हैं। राष्ट्रपति-पद के चुनावी अखाड़े में कूदने से पहले माक्रों फ्रांस के उद्योगमंत्री भी रह चुके हैं।
विचाराधारा से वे लोकतांत्रिक समाजवादी हैं। माक्रों यूरोपीय संघ के समर्थक हैं। वे कंपनी-करों में 30 से 40 अरब यूरो के बराबर कटौती द्वारा देश में आर्थिक मंदी को दूर करना चाहते हैं। आर्थिक-सामाजिक सुधारों की उनकी और भी कई योजनाएं हैं, जिनके कारण नवंबर 2016 में चुनावी अखाड़े में कूदने के बाद से उनकी लोकप्रियता बढ़ती गयी है।