अजय विद्युत।
भारत और दुनिया के तमाम देशों में कामयाबी के झंडे गाड़ रही बाहुबली 2 में जाने माने गायक कैलाश खेर ने भी गाया है। उनका गाया ‘जय जयकारा’ काफी लोकप्रिय हुआ है। बाहुबली के पहले भाग में भी उन्होंने गाया था। मंगलवार को मुंबई से फोन पर ओपिनियन पोस्ट के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ‘बाहुबली 2 की सफलता मात्र भारत में बनी एक फिल्म के दुनिया के तमाम देशों में धूम मचाना भर नहीं है। यह फिल्म निर्माण की तकनीकी खूबियों से भारतीय दर्शकों को अचरज में डालना भी नहीं है। यह बाक्स ऑफिस पर नोटों की बारिश भी नहीं है। बल्कि यह वास्तविक भारतीयता, हमारी सनातन संस्कृति से दुनिया के लोगों को रूबरू कराना है। ऐसा नहीं कि अब तक किसी ने भारतीयता को केंद्र में रखकर फिल्में नहीं बनाईं। कोशिशें खूब हुई हैं लेकिन ऐसे बिल्कुल सनातन भारतीय स्वरूप से दुनिया को इस भव्य आकार में बता पाना पहली बार संभव हुआ है।’
कैलाश खेर कहते हैं, ‘मेरी तो यही धारणा है कि ईश्वर की कृपा में भरोसा रखते हुए आप कोई कदम उठाएं तो सफलता मिलती है। राजामौली ने डायरेक्शन भर नहीं दिया बल्कि ऐसा तानाबाना बुना जो पूरी दुनिया में भारत की सनातन संस्कृति और जीवनशैली की पताका फहरा रहा है।’
उन्होंने बताया, ‘लंबे समय तक हमारे देश में कुछ ऐसी फिल्मों का दौर रहा है जो देश की संस्कृति के कहीं कोई वास्ता नहीं रखती थीं या उसे गलत तरह से प्रस्तुत करती थीं।’
बड़े विश्वास के साथ कैलाश खेर कहते हैं, ‘दुनिया ने तकनीक में, सुविधाएं जुटाने में, इंफ्रास्ट्रक्चर में भले कितनी प्रगति कर ली हो लेकिन उसे जिंदगी जीने का सलीका सीखने के लिए भारत की ही ओर देखना होगा। और अब वह दौर आ चुका है। बाहुबली 2 इस काम में अपनी भूमिका को लेकर भी न सिर्फ याद की जाएगी बल्कि हमारे नौजवानों को लंबे समय तक प्रेरणा देती रहेगी।’
भारतीय सरोकारों की बात करते हुए कैलाश खेर कहते हैं, ‘बाहुबली के सारे गुणी कलाकारो ने भारतीयता का सम्पूर्ण चित्रण, हमारे पुराणिक सभ्यता, जीवन शैली, को इस फ़िल्म की माध्यम से दर्शाया, और सिनेमा का स्तर विश्व पटल पर समकक्ष बल्कि उच्च स्तरीय बना दिया। जैसा कि सिनेमा और साहित्य समाज को बहुत कुछ सिखाने में सहायक होता है। बाहुबली और बाहुबली 2 उस पक्ष में भी आने वाली पीढ़ी को बहुत सीख देने वाली फ़िल्म बनी है । जय जय कारा गाना दर्शकों श्रोताओं के मन को छूकर अंतरात्मा तक जाता है। ऐसे गाने हमारे संगीत की सच्ची परिभाषा हैं।’