एक तरफ सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को ताकीद कर रहा है वहीं केंद्र सरकार इसे अनिवार्य बनाने के लिए नित नई-नई सेवाओं को इससे जोड़ती जा रही है। शुक्रवार को सरकार ने बैंक खाता खोलने और 50,000 रुपये या उससे अधिक के लेन-देन के लिए आधार नंबर को अनिवार्य करने की घोषणा की। साथ ही सभी मौजूदा खाताधारकों को 31 दिसंबर, 2017 तक आधार नंबर से अपने खाते को जोड़ने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर उनके खाते अवैध हो जाएंगे।
सरकार ने यह कदम कालेधन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया है। इससे पहले सरकार ने केरोसीन खरीदने पर मिलने वाली सब्सिडी पाने और अटल पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया था। जिन लोगों के पास आधार नहीं है और वे केरोसीन सब्सिडी पाना चाहते हैं तो पहले उन्हें आधार के लिए आवेदन करना होगा। केरोसीन की सब्सिडी पाने के लिए आधार के लिए पंजीकरण करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। वहीं अटल पेंशन योजना में आधार के लिए पंजीकरण करने की आखिरी तारीख 15 जून थी। जब तक आधार कार्ड जारी नहीं होगा, तब तक राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, फोटो युक्त किसान पासबुक, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जारी रोजगार कार्ड और राजपत्रित अधिकारी या तहसीलदार की तरफ से जारी किया गया प्रमाण-पत्र लाभ के लिए पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरकार का दावा है कि देश में एक अरब लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं। देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी के पास आधार कार्ड हैं। अब वयस्कों में 93 फीसदी के पास, 5-18 वर्ष के बच्चों में 67 फीसदी के पास और पांच साल तक के बच्चों में 20 फीसदी के पास है। 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी आबादी के पास आधार कार्ड है, जबकि 13 अन्य में यह 75-90 फीसदी के पास है। यह अब दुनिया में सबसे बड़ा ऑनलाइन डिजिटल पहचान का मंच बन चुका है।
मालूम हो कि आधार को अनिवार्य किए जाने को लेकर मामला देश की सर्वोच्च अदालत में चल रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान पीठ के अंतिम फ़ैसले तक आयकर रिटर्न के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, सरकार उन्हें पैन कार्ड से जोड़ने पर जोर नहीं दे सकती लेकिन जिनके पास आधार कार्ड है उन्हें इसे पैन कार्ड से जोड़ना होगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर व्यवस्था दी जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन आवंटन के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है।