नई दिल्ली।
किसान आंदोलन के बाद शुक्रवार को देश भर में किसान हाइवे पर चक्काजाम कर रहे हैं। कर्जमाफी और फसलों का पूरा दाम मिलने की मांग के समर्थन में 22 राज्यों के किसान अपने-अपने यहां हाइवे पर पहुंच रहे हैं। हरियाणा में आठ, यूपी में 14, बुंदेलखंड में 6, राजस्थान, पंजाब में दस-दस, बिहार में पांच, कर्नाटक में 3 और गुजरात में 2 हाइवे जाम किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में कितने हाइवे जाम होंगे, इसका खुलासा सुरक्षा कारणों से नहीं किया गया है। हालांकि दिल्ली को इस आंदोलन से मुक्त रखा गया है।
आंदोलन के लिए किसान घरों से निकल पड़े हैं। मध्य प्रदेश के लगभग हर जिले में नेशनल हाइवे पर पुलिस तैनात है। किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ की कोर टीम के सदस्य बिनोद आनंद का कहना है कि यह आंदोलन सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बड़ा सांकेतिक आंदोलन होगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ‘कक्काजी’ के नेतृत्व में मंदसौर मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत भी दी गई है। कक्काजी का कहना है कि सरकार लागत के आधार पर लाभकारी समर्थन मूल्य का निर्धारण करे, जो कि लागत मूल्य का 50 फीसदी तक हो।
मध्य प्रदेश के किसान कर्ज माफी और फसल के उचित दाम मिलने की मांगों को लेकर शुक्रवार को तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों किसानों ने चक्का जाम किया। भोपाल के मिसरौद इलाके में पुलिस ने राष्ट्रीय किसान मजूदर संघ के राष्ट्रीय संयोजक शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी सहित कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया है।
कक्काजी ने कहा, “सरकार चाहे गिरफ्तार करे, जेल भेजे, मगर उनकी जुबान को बंद नहीं कर सकती है। किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 6500 घोषणाएं कर चुके हैं, मगर किसी एक पर भी अमल नहीं हुआ।”
हरियाणा में किसानों का धरना प्रदर्शन शुरू
मध्य प्रदेश किसान आंदोलन की छाया हरियाणा पर भी पड़ गई है। किसान यूनियन राज्य के आठ स्थानों पर जाम लगाकर सरकार के खिलाफ विरोध जता रही है। अंबाला, रोहतक, जींद सहित राज्य के आठ स्थानों पर किसान जीटी रोड पर धरने पर बैठे हैं। पानीपत में किसान रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए।
किसानों से निपटने के लिए अंबाला जिला पुलिस समेत तीन अन्य जिलों से और दो बटालियन सीआरपीएफ की बुलाई गई है। किसानों ने रोहतक स्थित नेशनल हाइवे 71 पर भी जाम लगा दिया। किसानों ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। 19 को दिल्ली में किसानों की बैठक होगी, जिसमें किसान आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे। उधर, अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है।
उधर, भाकियू के तेवर को देख सोनीपत, जींद, कुरुक्षेत्र और अंबाला में सीआरपीएफ की एक-एक कंपनी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। गृह सचिव रामनिवास ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि स्थिति पर पूरी नजर रखें। शांति व्यवस्था कतई भंग नहीं होनी चाहिए।