नई दिल्ली।
सोशल मीडिया पर भले ही लोग ज्यादा भरोसा न करते हों, लेकिन इस व्यापक सामाजिक मंच पर जारी पोस्ट कितना घातक हो सकती है, इसका ताजा उदाहरण पश्चिम बंगाल का 24 परगना क्षेत्र है जहां फेसबुक पर फेक न्यूज पोस्ट कर हिंसा भड़काने के आरोप में भाजपा नेता तरुण सेनगुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।
हुआ यह कि राज्य के अपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने भोजपुरी फिल्म के एक सीन की फर्जी फोटो शेयर किए जाने के मामले की जांच की और सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया। सीआईडी ने बताया कि जिस तस्वीर को पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है, वह वास्तव में 2014 में रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म ‘औरत खिलौना नहीं’ का एक सीन है।
सीआईडी की तरफ से किए गए ट्वीट में बताया गया है कि इस सिलसिले में भाजपा नेता तरुण सेनगुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन गिरफ्तार हुए तरुण सेनगुप्ता बताते हैं कि वो असनसोल जिले में भाजपा के आईटी सेल प्रभारी हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने शहर में दंगा भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर एक फर्जी फोटो पोस्ट की थी जिससे राजनीतिक फायदा लिया सके।
सबसे पहले यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था जब हरियाणा की भाजपा नेता विजेता मलिक ने अपने फेसबुक पेज पर भोजपुरी फिल्म ‘औरत खिलौना नहीं’ के सीन का स्क्रीन शॉट पोस्ट किया था। उसमें उन्होंने लिखा था, ”बंगाल में जो हालात हैं, हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। हिंदुओं को ही क्यों मारा जा रहा है और सरेआम उनकी इज्जत से खेला जा रहा है। इस पर कोई कुछ नहीं बोलता।”
हालात बिगड़ता देख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, बीजेपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अन्य हिंसा फैलाने वाले संगठनों की विचारधारा को मानती है। जिस किसी ने फर्जी तस्वीर और वीडियो को शेयर किया है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। ममता ने कहा, ‘मैं बंगाल की जनता की आभारी हूं कि उन्होंने अफवाहों और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों को पहचानने में मदद की। शांति बहाल कर दी गई है।’
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में हिंसक घटनाओं को लेकर तरुण सेनगुत्ता के अलावा फर्जी तस्वीर शेयर करने के मामले में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में शर्मा के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई हैं। खास बात यह है कि शर्मा के खिलाफ शिकायतें गैरजमानती धाराओं के तहत दर्ज हुई हैं।
पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक ट्विटर पेज से ट्वीट किया गया है, ‘कुछ लोग पश्चिम बंगाल में अन्य देशों और क्षेत्रों के पुराने वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। यह अत्यधिक निंदाजनक है।’ अगले ट्वीट में अपील की है, ‘कृपया हमेशा तथ्यों की जांच करें। हम सभी से अपील करते हैं कि दुर्भावनापूर्ण वीडियो पर ध्यान न दें, जिससे कि समुदायों में अविश्वास पैदा हो।’