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लालू यादव की पार्टी राजद के भ्रष्ट दामन से मुक्ति पाकर भाजपा के संग नई सरकार बनाने वाली मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने विशेष रूप से बुलाये गए विधानसभा के विशेष सत्र में अपना बहुमत साबित कर दिया। जेडीयू-बीजेपी ने 243 सदस्यीय विधानसभा में 132 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे थे।
विश्वास मत के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर है कि इस सरकार में मंत्री पद कौन संभाल सकता है। खबरों की मानें, तो पूर्व सीएम जीतनराम मांझी को भी मंत्री पद मिल सकता है। इन लोगों का नाम मंत्री पद में आगे आ रहा है।
आज सुबह विधानसभा का सत्र शुरू होते ही जब नीतीश कुमार सदन में पहुंचे तो राजद विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और नीतीश कुमार इस्तीफा दो, नीतीश कुमार वापस जाओ, के नारे लगाए। राजद के साथ कांग्रेस के विधायक भी हंगामे में शामिल थे। सदन के बाहर और सदन के अंदर भी जबर्दस्त हंगामा हुआ।
विधानसभा के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही राजद विधायक हंगामे के बीच राजद की तरफ से तेजस्वी यादव को विरोधी दल का नेता मनोनीत किया गया है और विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया है।
नेता विपक्ष बनते ही तेजस्वी यादव ने नीतीश के खिलाफ हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जनता ने महागठबंधन को पांच साल के लिए चुना था लेकिन हमारे साथ, बिहार की जनता के साथ धोखा देकर महागठबंधन को तोड़ दिया। नीतीश जी का ये कौन सा सिद्धांत है। आपको शर्म नहीं आती आज सुशील मोदी के बगल में बैठने में।
नीतीश जी का इस्तीफा और भाजपा का तुरत समर्थन ये सब पूरी प्लानिंग की गई थी और नैतिकता की बात करते हैं, ये कौन सी नैतिकता है आपकी? कौन सी विचारधारा है इसे अब पूरी दुनिया जानना चाहती है।
तेजस्वी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार जी रणछोड़ हो गए हैं, हे श्रीराम से जय श्रीराम कह कर पलटी मार गए। नीतीश के बगल में बैठे थे तो पता नहीं था इनका असली चेहरा अब नजर आया है। सुशील मोदी और नीतीश पर भी तो केस चल रहा है फिर इन दोनों ने शपथ कैसे ले ली?
तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अाप तो इधर भी हैं और उधर भी, आपने समझा ही नहीं लालू यादव को अगर पुत्रमोह होता तो एेसा नहीं होता, लालू जी को पुत्रमोह नहीं भाई मोह था। आप एक बार बोल देते तो मैं इस्तीफा दे देता।
तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से कहा कि आपको शर्म नहीं आती एेसी साजिश रच डाली। उन्होंने सुशील मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने मेरे और मेरे परिवार पर झूठे आरोप लगाए उसे माफ नहीं करूंगा। तेजस्वी के इन गंभीर आरोपों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तेजस्वी को भाषण खत्म करने का निर्देश दिया।
भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने तेजस्वी के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि अगर लालू को पुत्रमोह नहीं होता तो अब्दुल बारी सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री होते। उन्होंने कहा कि तेजस्वी थे उपमुख्यमंत्री और फैसला लेते थे लालू। नंदकिशोर यादव ने कहा कि जो आरोप लगा रहे हैं वो सब हमारे भाई हैं और कई हमारे संपर्क में हैं। आरजेडी की बातों का मैं बुरा नहीं मानता।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश के महागठबंधन तोड़ने का दुख है और पार्टी बदलने वालों से क्या बात करें? नीतीश का पूरा खेल सुनियोजित था। पूरी सुनियोजित तरीके से नीतीश ने यह सब किया है। पहले उन्होंने कोविंद को समर्थन किया और फिर भोज में शामिल हुए।
नीतीश पर आरोप लगाने के साथ ही एनडीए और जदयू के विधायक भी आक्रोशित हो गए और वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया है।
राजद के विधायक आक्रोशित हैं और हाथ में तख्तियां लिए हुए हैं और नीतीश कुमार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। तेजस्वी यादव भी विधानसभा पहुंच चुके हैं। राजद नेताओं ने एक सुर में नीतीश कुमार को धोखेबाज ठहराया है और कहा है कि सत्र तबतक नहीं चलने देंगे जबतक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं दे देते।
जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि ये कांग्रेस के लोग हैं अहंकार में जीने वाले लोग हैं। नीतीश ने कहा कि 15 से ज्यादा सीटें कांग्रेस को नहीं मिलने वाली थी लेकिन हमने महागठबंधन में 40 सीटों पर चुनाव लड़वाया। उन्होंने समयाभाव के कारण कहा कि समय आने दीजिए मैं हर सवाल का जवाब दूंगा। इसके बाद विधान सभा में लॉबी डिवीजन के जरिए विधानसभा में विश्वास मत शुरू हुआ और इसमें जेडीयू और भाजपा ने 131 मत हासिल कर विश्वास मत जीता । कुछ विधायकाें की गैरमाैजूदगी के कारण विपक्ष काे केवल 108 मिले। इसी के बाद विधानसभा काे अनिशचितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।