अभिषेक रंजन सिंह, नई दिल्ली।
बांग्लादेश की समाचार एजेंसी ने दावा पेश किया है कि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर बांग्लादेश के रुख का समर्थन किया है। वैसे इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। खबरों के मुताबिक, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बीती रात गुरुवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से फोन पर बातचीत की और अपना पक्ष सामने रखा।
बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के उप प्रेस सचिव के मुताबिक सुषमा स्वराज ने कहा कि बातचीत और दूसरे देशों के साथ मिलकर म्यांमार पर यह दबाव डाला जा रहा है कि रोहिंग्याओं का पलायन रोका जाए और जिन लोगों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है, उन्हें वापस बुलाया जाए। सुषमा स्वराज ने शेख हसीना से कहा कि रोहिंग्या समस्या सिर्फ बांग्लादेश की नहीं है यह समस्या अब क्षेत्रीय से बढ़कर वैश्विक हो चुकी है।
वहीं प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में सिर्फ मानवीय आधार पर शरण दे रखी है। म्यांमार को चाहिए कि वह इन्हें अपने नागरिक के तौर पर स्वीकार करे। हसीना के अनुसार, सरकार ने शरणार्थियों के लिए अस्थायी इंतजाम के लिए जमीन तो आवंटित कर दी है। लेकिन रोहिंग्या मुसलमानों का लंबे समय तक बांग्लादेश में रहने से यहां समस्या उत्पन्न होगी।
गौरतलब है कि बौद्ध बहुल देश म्यांमार के रखाइन इलाके में सेना की कार्रवाई के बाद रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है। रोहिंग्या विद्रोहियों पर म्यांमार के सुरक्षा बलों पर हमला करने का आरोप है। हालांकि भारत ने पिछले दिनों रखाइन के हालात पर म्यांमार सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया था। इसे लेकर बांग्लादेश में भारत के खिलाफ नाराजगी भी देखी गई। फिलहाल भारत ने बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए कई टन खाद्य सामग्री बांग्लादेश भेजा है।