अाेपिनियन पाेस्ट
भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पर एक बार फिर नगा उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार तड़के करीब पौने पांच बजे हुई मुठभेड़ में नैशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (NSCN) (K) के उग्रवादियों को भारी नुकसान हुआ है। शुरुआती जानकारी में इसे सेना की सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा था, लेकिन सेना ने कहा है कि उसने सीमा पार किए बगैर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। म्यांमार सीमा पर लांग्खू गांव के पास गोलीबारी में कई उग्रवादी मारे गए। भारतीय सेना के ईस्टर्न कमांड की ओर से जानकारी दी गई है कि सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बता दें कि ठीक एक साल पहले 28-29 सितंबर की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें आतंकियों के कई लॉन्चिंग पैड तबाह कर दिए गए थे।
सेना ने क्या कहा?
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ’27 सितंबर को तड़के भारत-म्यांमार सीमा पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी पर अज्ञात उग्रवादियों द्वारा फायरिंग की गई। हमारे सैनिकों ने उग्रवादियों को तुरंत मुहतोड़ जवाब दिया। जवाबी कार्रवाई के बाद उग्रवादी वहां से भाग निकले। इनपुट के मुताबिक बड़ी तादाद में उग्रवादी मारे गए हैं। इस मुठभेड़ में हमारे जवानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।’ सेना ने साफ कहा है कि भारतीय सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की है।
2015 में म्यांमार में घुसकर मारे थे उग्रवादी
इससे पहले जून 2015 में भारतीय सेना ने क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन में म्यांमार की सीमा में घुसकर 15 उग्रवादियों को मौत की नींद सुला दिया था। भारतीय सेना ने मणिपुर के चंदेल में हुए हमले में 18 सैनिकों के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की थी। NSCN (K) और KYKL के उग्रवादियों को काफी नुकसान पहुंचा था।