अाेपिनियन पाेस्ट
क्या डीएमअारसी दिल्ली सरकार की बिना अनुमति के मैट्राे का किराया बढ़ा सकती है। ये सवाल इसलिए खड़ा हुअा है क्याेकि दिल्ली सरकार दिल्ली मैट्राे में पचास फीसदी की साझीदार है। इसी बात काे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली मेट्राे के 3 अक्टूबर से बढ़ने वाले किराए की योजना से नाराज़ हैं। उन्होंने अपने परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को आदेश दिए हैं कि प्रस्ताव लाकर बताएं कि कैसे ये बढ़ोतरी रोक सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि मेट्रो ने दिल्ली सरकार को भरोसे में लिए बिना ये किराया बढ़ाने का फैसला किया। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- मेट्रो किराया बढ़ोतरी जनविरोधी। ट्रासंपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत को आदेश दिए हैं कि एक हफ़्ते में किराया बढ़ोतरी को रोकने के उपाय निकालें।
केजरीवाल के इस आदेश के बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर जानकारी दी कि दिल्ली मेट्रो के प्रमुख मंगू सिंह को ढाई बजे सभी दस्तावेज के साथ आने के लिए बुलाया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो के प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली मेट्रो में किराया न्यूनतम 10 रुपये से लेकर अधिकतम 60 रुपये किया जाएगा जबकि अभी ये न्यूनतम 10 रुपये से अधिकतम 50 रुपये है। इसी साल मई के महीने में पहले ही मेट्रो में किराए बढ़ाये गए थे। ये इस साल की दूसरी बढ़ोतरी है।
मई की बढ़ोतरी से पहले मेट्रो में न्यूनतम 8 रुपये से अधिकतम 30 रुपये था, यानी एक तरह से 3 अक्टूबर से जो नए किराए लागू होंगे वो मई से पहले के किराए के मुकाबले दोगुने होंगे। सूत्राें का कहना है कि दिल्ली की लाइफ लाइन बन चुकी मैट्राे के बढ़े किराए का असर दिल्ली सरकार की लाेकप्रियता काे कम कर सकता है। डीएमअारसी की मनमानी काे विपक्ष उनका फैसला बताकर सरकार काे बदनाम कर सकता है।