आईएनएस किलटन के रूप में भारतीय नौसेना में नया अत्याधुनिक युद्धपोत शामिल किया गया है। यह युद्धपोत पानी के अंदर पनडुब्बियों को मार गिराने की क्षमता रखता है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को विशाखापत्तनम के नौसिक डॉकयार्ड में इसे नौसेना को सौंपा। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा सहित कई अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
यह शिपयार्ड प्रोजेक्ट-28 के अंतर्गत बनने वाला शिवालिक क्लास, कोलकाता क्लास और आईएनएस कोमार्ता के बाद चौथा स्वदेश निर्मित युद्धपोत है। आईएनएस किलटन को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डिंग एडं इंजीनियरिंग में बनाया गया है। इसे भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया है। सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह भारतीय नौसेना की बढ़ रही शक्ति को दर्शाता है। इसका निर्माण मेक इन इंडिया का अहम हिस्सा है।
यह शिपयार्ड स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से युक्त है, जिसमें हेवीवेट टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट, 76 एमएम कैलिबर मिडियम रेंज बंदूक और दो बहु बैरल 30 एमएम बंदूकें शामिल हैं। साथ ही अग्निशमन नियंत्रण प्रणाली, उन्नत ईएसएम (इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर) सिस्टम, सबसे उन्नत सोनार और रडार को इसमें लगाया गया है। भारत का यह पहला युद्धपोत है जिसे कार्बन फाइबर कंपोजिट मैटेरियल से बनाया गया है जिससे इसे बनाने में कम खर्च आता है। साथ ही युद्धपोत का रखरखाव करना भी काफी आसान हो जाता है।
इसका नाम लक्ष्यद्वीप सामरिक द्वीप अमिनिदिवी समूह के द्वीपों में से एक द्वीप पर रखा गया है। युद्धपोत में आगे चलकर कम दूरी के एसएएम सिस्टम को लगाया जा सकेगा और एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर को उतारा जा सकेगा।