प्योंगप्यांग।
उत्तर कोरिया की वजह से उत्पन्न तनाव एक बार फिर बढ़ रहा है। नॉर्थ कोरिया का सनकी किंग किम जोंग परमाणु बम गिराने की तैयारी में है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहा है, ताकि अटैक करने के बाद उसे कम नुकसान हो। लेकिन उत्तर कोरिया के लिए उसकी परमाणु ताकत एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है।
इसी के तहत नॉर्थ कोरिया ने अपने कई शहरों में लोगों को खाली कराने का ड्रिल किया है। शनिवार को साउथ कोरिया के दौरे पर गए अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी जिम मैटिस ने कहा कि न्यूक्लियर अटैक की आशंका बढ़ गई है। अमेरिका के साथ तनातनी के बीच नॉर्थ कोरिया युद्ध पूर्व वाले अभ्यास कर रहा है। साउथ कोरिया की न्यूज एजेंसी ने विभिन्न सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर दी है।
नॉर्थ कोरिया ने राजधानी प्योंगयांग में तो ऐसा ड्रिल नहीं किया है, लेकिन दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों में अभ्यास किया है। इस अभ्यास को बेहद रेयर बताया जा रहा है जिसके कई मतलब हैं। इससे पहले नॉर्थ कोरिया ने पिछले महीने कई बार कहा कि वह अमेरिका को तबाह कर सकता है। उसकी मिसाइल की पहुंच अमेरिका है।
किम एक बड़ी समस्या
दक्षिण कोरिया में पूर्व भारतीय राजदूत स्कंद एस तायल का कहना है कि इस पूरे विवाद का एक ही हल है कि दुनिया इस बात को मान ले कि उत्तर कोरिया एक परमाणु शक्ति संपन्न देश है। इसको लेकर पूरी दुनिया में तनाव कायम है। तायल 2008-2011 तक दक्षिण कोरिया में भारतीय राजदूत थे।
इस बीच कई देश इस तनाव को खत्म करने की बात जरूर कर रहे हैं लेकिन किम बातचीत के लिए सामने नहीं आना चाहता है। मर्केल भी मध्यस्थता करने की बात कर चुकी हैं, लेकिन इसको लेकर किम एक बड़ी समस्या है।
किम के हथियार
रूस और यूरोप के कई देश इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि उत्तर कोरिया से बढ़ते तनाव के चलते तीसरा विश्व युद्ध छिड़ सकता है लेकिन तायल ऐसा नहीं मानते हैं। उनका साफ कहना है कि उत्तर कोरिया ऐसी कोई गलती नहीं करेगा। न ही वह यह करना चाहता है। उत्तर कोरिया के लिए उसकी परमाणु ताकत एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है जिसका वह इस्तेमाल कर रहा है।
वह तीसरे विश्व युद्ध की बात से तो इंकार करते हैं लेकिन वह यह भी मानते हैं कि यदि ऐसा हुआ तो वह एक्सीडेंटली ही होगा। अमेरिका की तरफ से यह बात स्पष्ट तौर पर कही गई है कि उत्तर कोरिया की वजह से तीसरा विश्व युद्ध नहीं छिड़ेगा।