अाेपिनियन पाेस्ट
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट में दिल्ली देश में सबसे ज्यादा आपराधिक घटनाओं वाला शहर है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत देशभर के शहरों में घटित अपराधों में 38.8 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दिल्ली इस सूची में शीर्ष स्थान पर है।
इसके बाद 8.9 फीसदी अपराध के साथ बेंगलुरू का स्थान है और तीसरे स्थान पर मुंबई है, जहां देश की 7.7 फीसदी आपराधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में 2016 में एक साल पहले के मुकाबले 2.6 फीसदी अपराध के मामलों में इजाफा हुआ। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में दिल्ली में देश के 19 प्रमुख शहरों के मुकाबले सबसे अधिक अपराध के साथ रेप के भी सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए।
बलात्कार, हत्या, अपहरण और बलवा जैसे संज्ञेय अपराधों के कुल 48,31,515 मामले देशभर में दर्ज किए गए। इनमें 29,75,711 मामले आईपीसी के तहत आने वाले अपराध की श्रेणी के थे। 18,55,804 मामले विशेष व स्थानीय कानून से संबंधित अपराध की श्रेणी में दर्ज किए गए थे। 2015 में देशभर में कुल 47,10,676 संज्ञेय अपराध के मामले सामने आए थे। राज्यों में उत्तर प्रदेश में आईपीसी के तहत आपराधिक मामले सबसे ज्यादा 9.5 फीसदी दर्ज किए गए। दूसरे व तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश में 8.9 फीसदी और महाराष्ट्र में 8.8 फीसदी मामले दर्ज किए गए।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट ने कई राज्यों के दावों की पोल खोल दी। अपराध के मामले में उत्तर भारत के राज्यों को इस रिपोर्ट ने जिस तरह से आईना दिखाया है, वह गौर करने वाली बात है। देश में सबसे ज्यादा हत्याओं के लिए उत्तरप्रदेश अव्वल है। पुलिस फायरिंग में पहले नंबर पर कश्मीर घाटी रही। बलात्कार और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में मध्यप्रदेश ने सबको पीछे छोड़ दिया। देशभर में दर्ज हुए कुल आपराधिक मामलों में मध्यप्रदेश राज्य को चौथा नंबर मिला है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 35 शहरों के तुलनात्मक आँकड़ों में राजधानी दिल्ली सभी अपराधों के तुलनात्मक आँकडों में पहले नंबर पर रही। 35 बड़े शहरों के अपराध रिकॉर्ड के तुलनात्मक अध्ययन के मुताबिक इंदौर को पहला और मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को तीसरा स्थान मिला है।
महिलाओं के खिलाफ सभी तरह के अपराधों में त्रिपुरा पहले नंबर पर रहा। बच्चों पर अत्याचार के मामले में भी मध्यप्रदेश ने सबको पीछे छोड़ दिया! उसके बाद दूसरे व तीसरे नंबर पर दिल्ली और महाराष्ट्र रहे।