अाेपिनियन पाेस्ट
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आज सोमवार को शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रर्त्यपण मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। कोर्ट में पेश होने आए माल्या ने मामले की सुनवाई से पहले कहा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि मुझपर लगे आरोप गलत और आधारहीन हैं। मैं फैसला करने वाला नहीं हूं। मैं कार्यवाही में हिस्सा लूंगा। मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। सुनवाई के दौरान मैजिस्ट्रेट्स कोर्ट फायर अलार्म बजने लगे जिससे कोर्ट रूम को तुरंत खाली करा दिया और सुनवाई रोक दी गई।
माल्या विभिन्न बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में भारत में वांछित हैं। वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। इस मामले में लंदन की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में 6,50,000 पाउंड (करीब 5.65 करोड़ रुपये) की जमानत पर छोड़ दिया गया।
कोर्ट में माल्या की तरफ से बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमेरी के नेतृत्व में वकीलों की टीम पैरवी कर रही है। मामवे में विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉ. बी हम्फ्रेज की गवाही होगी। माल्या की तरफ से अन्य गवाहों में फोर्स इंडिया फार्मूला वन रेसिंग टीम की मुख्य एकाउंटेंट मार्गरेट स्वीनी, भारतीय विधि प्रणाली के विशेषज्ञ प्रोफेसर लाउ और चिकित्सक और स्कॉटलैंड जेल व्यवस्था के पूर्व चिकित्सा अधिकारी डॉ. एलन मिशेल शामिल होंगे।
अक्टूबर में सट्टेबाज संजीव चावला के प्रत्यर्पण मामले में डॉ. मिशेल की गवाही का काफी प्रभाव पड़ा था। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जेल में मानवाधिकार उल्लंघन के आधार पर चावला के प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया था। माल्या के मामले में पूर्व में सुनवाई के दौरान चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुइस अर्बुथनॉट ने जेल की स्थितियों को लेकर चिंता जताई थी। भारत की तरफ से पेश क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कोर्ट को प्रत्यर्पण के बाद माल्या की सुरक्षा को लेकर भारतीय अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किए जाने की जानकारी दी। जज अर्बुथनॉट की अध्यक्षता में माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई होगी।
सुनवाई 14 दिसंबर तक सूचीबद्ध है। हालांकि इस मामले में अगले साल की शुरुआत में फैसला आने की उम्मीद है। माल्या के प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला आने के बाद ब्रिटेन के गृह मंत्री को दो महीने के भीतर प्रत्यर्पण का आदेश देना होगा। हालांकि प्रत्यर्पण आदेश जारी होने से पहले यह मामला कई कोर्ट अपील से होकर गुजरेगा। भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी, लेकिन अब तक केवल एक ही प्रत्यर्पण हुआ है।
सीबीआइ टीम रहेगी उपस्थित
ब्रिटेन में शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रर्त्यपण मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की एक टीम भी मौजूद रहेगी। सूत्रों ने बताया कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के नेतृत्व में यह टीम रविवार को लंदन रवाना हो गई।