वॉशिंगटन।
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को इन दिनों उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का खौफ सता रहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु हमले के डर से अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) चिंतित है। एजेंसी के निदेशक माइक पॉम्पिओ ने कहा है कि उन्हें इस बात की चिंता है कि उत्तर कोरिया के पास ऐसी न्यूक्लियर मिसाइलें हैं, जिनसे वह एक महीने के अंदर अमेरिका पर हमला कर सकता है। खुफिया एजेंसी लगातार प्योंगयांग और उसके नेता किम जोंग-उन से संभावित खतरों पर चर्चा करती है।
माइक पॉम्पिओ ने कहा, ‘हम उनकी एक महीने के अंदर अमेरिका पर परमाणु हथियारों से हमला करने की क्षमता के बारे में चर्चा करते हैं। हमारा काम अमेरिका के राष्ट्रपति तक इस बारे में खुफिया जानकारी पहुंचाना है ताकि उनके पास इस जोखिम को गैर-कूटनीतिक तरीके से कम करने के विकल्प हों।’
पॉम्पिओ ने यह भी माना कि उत्तर कोरिया पर दबाव डालने के नतीजे के तौर पर इस क्षेत्र में जीवन को भयंकर नुकसान हो सकता है, जहां अमेरिका के दो अहम सहयोगी देश जापान और दक्षिण कोरिया भी हैं। पॉम्पिओ ने कहा कि अगर किम को हटाने की कोशिश हुई या फिर अमेरिका पर परमाणु हमले की उसकी क्षमता को सीमित करने की कोशिश की गई तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
दोनों देशों के नेताओं के बीच जुबानी जंग बढ़ने के बाद उत्तर कोरिया ने कई मिसाइल टेस्ट भी किए जिसने पश्चिम में चिंता बढ़ाई और तनाव भी पैदा किया। उत्तर कोरिया ने साल 2017 में कम से कम 20 बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया, जिनमें से 3 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल टेस्ट थे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षणों के जारी रहने की वजह से उस पर कई आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं।
सीआईए ने आशंका जताई है कि किम जोंग उन कोरियाई प्रायद्वीप को अपने अधीन करने के लिए न्यूक्लियर अटैक कर सकता है। पॉम्पेओ ने राष्ट्र पर खतरे कि चिंता जताते हुए कहा कि हमें लगता है कि कोरियाई तानाशाह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल आत्मरक्षा के अलावा भी कर सकता है। वह दोनों कोरियाई देशों को अपने अधीन करने के इरादे से परमाणु और सैन्य बलों का उपयोग कर सकता है।
गौरतलब है कि पिछले महीने किम जोंग उन ने अमेरिका को धमकी दी थी कि जब तक संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके ताकतवर बलों के न्यूक्लियर खतरे जारी रहेंगे, तब तक उत्तर कोरिया अपनी मिसाइल टेस्ट करता रहेगा। यह दावा आधिकारिक कोरियन समाचार एजेंसी ने किया था।
उत्तर कोरिया ने सितंबर (2017) में अपने सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया था। इसके अलावा जुलाई और नवंबर के महीने में समुद्र में तीन इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की थी। उत्तर कोरिया ने साल 2017 में करीब 20 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया, जिसमें कम से कम तीन इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण शामिल थे।