विक्रम कोठारी का नाता पान पराग समूह से रहा है। पान मसालों का सरताज रहा यह ब्राण्ड गुजराती परिवार से ताल्लुक रखने वाले मनसुख भाई कोठरी ने 18 अगस्त 1973 को शुरू किया था। सन् 1983 से 1987 के बीच `पान पराग` विज्ञापन देने वाली सबसे बड़ी कम्पनी बनी। मनसुख भाई के निधन के बाद उनके बेटों दीपक और विक्रम ने बिजनेस को आपस में बांट लिया गया। विक्रम के हिस्से में पेन बनाने वाली कम्पनी रोटोमैक आई।
उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले विक्रम कोठारी `रोटोमैक ग्लोबल` के सीएमडी हैं। जो स्टेशनरी के व्यापार की नामी कंपनी है। विक्रम कोठरी ने ही साल 1992 में रोटोमैक ब्रांड शुरू किया था, जो भारत में एक नामी ब्रांड बन चुका है।
5000 करोड़ से भी अधिक घोटाले के मामले में रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर सीबीआई का शिकंजा कस गया है। कोठारी पर कई बैंकों को अरबों का चूना लगाने का आरोप है। पिछले कुछ दिनों से कोठारी के भारत से बाहर भाग जाने की खबरें थीं, लेकिन हालही में उन्होंने इसका खंडन किया था।