ओपिनियन पोस्ट
सेल घरेलू इस्पात खपत बढ़ाने के लिए अपनी गतिविधियों को जारी रखते हुए लगातार नए पहल कर रहा है । साथ ही इस्पात उपभोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें इस्पात के विभिन्न उपयोगों से रूबरू करा रहा है। इस दिशा में और आगे बढ़ते हुए सेल अब पूरे देश भर में ‘सेल स्ट्रक्चरल- द फ्यूचर ऑफ स्टील डिज़ाइन’ शीर्षक से कार्यशालाओं और सम्मेलनों की एक श्रृंखला का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य स्ट्रक्चरल, विशेष रूप से पैरेलल फ्लेंज बीम सेक्शन के बाज़ार को बढ़ावा देना है। इसी कड़ी में आज एक सम्मेलन का आयोजन देहरादून में किया गया।
दुनिया भर की विभिन्न तरह की निर्माण गतिविधियों में स्ट्रक्चरल का उपयोग बहुतायत से किया जा रहा है क्योंकि इससे हल्के ढांचों को खड़ा करने में मदद मिलती है, निर्माण में आसानी होती है, निर्माण में कम समय लगता है, किफ़ायती होता है, सुरक्षा के लिहाज से उपयुक्त होता है, इमारत को मजबूती प्रदान करता है तथा साथ ही डिजाइन को सुंदर बनाता है। सेल अपने दुर्गापुर इस्पात संयंत्र और इस्को इस्पात संयंत्र में अत्याधुनिक नई यूनिवर्सल सेक्शन मिल की उच्च गुणवत्ता वाली इस्पात उत्पादन सुविधाओं के जरिये उपभोक्ताओं को स्ट्रक्चरल सेक्शन उपलब्ध कराने में अग्रणी स्थिति में है।
इन सम्मेलनों के जरिये सेल देश में निर्माण और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में स्ट्रक्चरल स्टील्स के उपयोग को बड़े स्तर पर बढ़ावा दे रहा है और सेल का पैरेलल फ्लेंज सेक्शन किस तरह से फ्यूचर ऑफ स्टील डिज़ाइन निर्माण आगे बढ़ाएगा, उसे विस्तृत आयाम दे रहा है। विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं में गुणवत्ता वाले इस्पात की आपूर्ति से लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचा है।
अब तक क्षेत्रीय आधार पर चंडीगढ़, नागपुर, वाराणसी, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद आदि में सम्मेलन हो चुके हैं। इसी तरह कंपनी की इंदौर, कोटा, बोकारो, जयपुर, कोयंबटूर आदि जगहों पर में सम्मेलन करने की योजना है। इन सम्मेलनों में आर्किटेक्ट, डिजाइनर, प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रोफेसर, सलाहकार, ग्राहक और डीलर, परियोजनाओं के मालिक, रेलवे, अग्रणी सार्वजनिक उपक्रमों, राज्य सरकार के कार्यालयों और बिल्डर्स संघों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। कंपनी ग्राहकों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिहाज से अपने बड़े ग्राहकों से सीधे उनके पास जाकर उत्पादों के बारे में जानकारी दे रही है और उनकी जरूरतों को समझ रही है। ये सभी उपाय बड़े पैमाने पर इस्पात की खपत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।