नई दिल्ली।
कर्नाटक में सरकार बनाने की जंग के बीच कांग्रेस-जेडीएस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। 113 विधायकों के साथ कांग्रेस-जेडीएस ने राजभवन में दस्तक दी है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बावजूद सरकार को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।
एक ओर कांग्रेस-जेडीएस ने बहुमत का दावा किया है तो दूसरी ओर बीजेपी सबसे पार्टी है। अब सभी की नज़रें राजभवन पर टिकी हैं। अब कांग्रेस और जेडीएस राज्यपाल वजुभाई वाला के सामने अपने विधायकों की परेड करवाएगी। कर्नाटक में 222 सीटों पर मतदान हुआ था, इस हिसाब से बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन चाहिए।
घटनाक्रम
05.32 पीएम: निर्दलीय विधायक आर. शंकर भी राजभवन पहुंचे, आज सुबह वो बी. एस. येदियुरप्पा के साथ थे।
05.29 पीएम: कुमारस्वामी, रेवन्ना के अलावा 3 लोग राजभवन में दाखिल हुए।
05.19 पीएम: कांग्रेस-जेडीएस के सिर्फ 10 विधायकों को राजभवन में जाने की इजाजत मिलेगी।
05.01 पीएम: सूत्रों की मानें तो समर्थन पत्र पर कांग्रेस के कुल 78 में से तीन विधायकों के हस्ताक्षर नहीं हैं।
04.55 पीएम: जेडीएस का दावा सभी 38 विधायकों के साथ राज्यपाल के सामने परेड करवाएंगे।
04.51 पीएम: जेडीएस के सभी विधायक राजभवन पहुंच गए हैं।
04.47 पीएम: कांग्रेस सूत्रों की मानें तो राज्यपाल के सामने 75 विधायक परेड करेंगे।
04.45 पीएम: कांग्रेस ने समर्थन पत्र पर विधायकों के साइन करवाए, अभी भी आनंद सिंह और नागेंद्र के साइन नहीं हैं।
04.43 पीएम: कांग्रेस अपने विधायकों को बस में बैठाकर राजभवन के लिए रवाना हुई।
क्या करेंगे राज्यपाल
हालांकि इन सबके बीच सभी की नज़रें राज्यपाल वजुभाई वाला पर टिकी हैं कि सरकार बनाने के लिए वे पहले किसको निमंत्रित करते हैं। राज्यपाल के पास अभी दो विकल्प हैं। पहला ये कि वे सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को पहले बुलाएं और बहुमत साबित करने के लिए कहें या फिर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए न्योता दें, जोकि जादुई आंकड़े का दावा कर रहे हैं।
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का कहना है कि ये पूरी तरह राज्यपाल पर निर्भर है कि वे सरकार बनाने के लिए पहले किसे आमंत्रित करते हैं। सबसे बड़ी पार्टी को, या गठबंधन को।