असम विधानसभा की डुगडुगी बज चुकी है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की कमान प्रदेश के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई संभाले हुए हैं, वहीं विरोधी दल की कमान मोदी मंत्रिमंडल में शामिल केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के हाथ है। वे असम गण परिषद (अगप) और बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। सोनोवाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। उनकी नई भूमिका और भावी रणनीति के बारे में सदन मोहन महाराज की उनसे बातचीत के खास अंश :
छात्र नेता फिर विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री के बाद अब मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तक का सफर कैसे तय किया?
कांग्रेस की गलत नीतियों का छात्र जीवन से ही विरोध करता आ रहा हूं। इसके लिए कठिन मेहनत की। अब पहले से जिम्मेवारी और बढ़ गई है। पार्टी ने जो दायित्व सौंपा है उसे पूरा करने में लगा हूं।
चुनाव का मुख्य एजेंडा क्या होगा?
बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने के बाद कांग्रेस ने असम में शासन व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लिया। आज असम की भौगोलिक स्थिति काफी तेजी से बदल गई है। राज्य में अवैध रूप से घुसपैठियों को बसाया गया जो आज असम समेत पूरे देश के लिए खतरा बने हुए हैं। सूबे के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और ढांचागत क्षेत्र पर इसका असर पड़ा। इसे ठीक करने के लिए पहले घुसपैठ को समर्थन देने वाली पार्टी कांग्रेस को उखाड़ना होगा। इसके अलावा विकास के नारों के साथ हम जनता के पास जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यहां रुके विकास कार्य को गति दिया जा रहा है। पहली बार पूरे पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे मार्ग से जोड़ा जा रहा है।
अगप से गठबंधन के बाद संघ और पार्टी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई। ऐसे में कैसे अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे?
असम गण परिषद (अगप), बीपीएफ, तिवा, राभा और अन्य जनजाति संगठनों के साथ गठबंधन हुआ। कार्यकर्ताओं में नाराजगी होना स्वभाविक है लेकिन उन्हें मना लिया गया और विरोध अब खत्म हो चुका है। जहां तक संघ परिवार की बात है तो उनसे भी बातचीत हुई है। हम एकजुट होकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
कांग्रेस से मुकाबले के लिए पार्टी ने किस तरह की रणनीति तैयार की है?
15 साल के शासनकाल में केंद्र की ओर से दी गई विकास राशि को कांग्रेसनीत सरकार ने विकास कार्य में कम, अन्य मदों में अधिक खर्च किया। विकास कार्य पूरी तरह से ठप है। सूबे की जनता कांग्रेस के भ्रष्टाचार से परेशान है। कांग्रेस की विफलता और भ्रष्टाचार को जनता के सामने उठाने के साथ ही केंद्र सरकार की ओर से असम के लोगों के लिए चलाई जा रही लाभाकारी योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। कांग्रेस ने झूठ बोलकर जिस प्रकार जनता को गुमराह किया है उसका पदार्फाश किया जाएगा।
क्या इस बार असम में भाजपा सरकार बनाने में सफल होगी?
राज्य में परिवर्तन की लहर चल रही है। प्रदेश की जनता कांग्रेस को विदाई देने को तैयार है। कांग्रेस ने शासन चलाने के नाम पर सत्ता सुख भोगने के अलावा कुछ नहीं किया। आज असम हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। असम को अंधकार से निकालना होगा। इसके लिए गांव से लेकर शहर की जनता ने कांग्रेस के खिलाफ और भाजपा के समर्थन में मतदान करने का मन बना लिया है। दिसपुर में इस बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार गठन होना तय है।
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