सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र की स्थिति पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि स्टेडियम मेंटेन रखने के लिए जिस तरह पानी बर्बाद किया जा रहा है वह सही नहीं है। सूखे कि इस स्थिति में मैच से ज्यादा पानी जरूरी है। क्या सरकार को राज्य के हालात नजर नहीं आ रहे हैं। सूखे की मार झेल रहे महाराष्ट्र में पानी की बर्बादी को लेकर बीसीसीआई और महाराष्ट्र तथा मुंबई क्रिकेट संघ को आड़े हाथों लेते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि मैच वहां कराइए जहां पानी ज़्यादा है।
जस्टिस वीएम कनाडे ने नाराजगी जताते हुए कहा, मराठवाड़ा में लोगों को चार से पांच दिन में एक बार पानी मिलता है।’ उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास पानी बचाने का कोई उपाय नहीं है तो मैच को राज्य से बाहर ट्रांसफर कर देना चाहिए।
महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि पिच पहले से तैयार की जा चुकी हैं और अब उन्हें मेंटेन रखने के लिए पानी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैच का आयोजन MCA नहीं कराता है. राज्य में आईपीएल के कई मैच होने हैं।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक सप्ताह में वाटर लेवल 2 फीसदी तक नीचे गया है, जो कि गहरी चिंता का विषय है। लातूर और मराठवाड़ा जैसी जगहों पर लोग महीनों से पर्याप्त पानी के लिए तरस रहे हैं।
मंगलवार को आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने सूखे और पानी की कमी के कारण इंडियन प्रीमियर लीग के मैच महाराष्ट्र से बाहर स्थानांतरित करने की संभावना से इनकार किया था। आगामी सत्र में राज्य में मुंबई, पुणे और नागपुर आईपीएल मैचों की मेजबानी करेंगे।
गौरतलब है कि इस तरह की मांग की जा रही थी कि राज्य में आईपीएल मैचों का आयोजन नहीं किया जाए, क्योंकि मैदान को तैयार करने के लिए काफी पानी की जरूरत होती है। शुक्ला ने कहा था, ‘अगर दो-तीन मैदानों के लिए जरूरी पानी से महाराष्ट्र के किसानों की समस्या हल हो जाएगी तो अलग बात है। मुझे नहीं लगता कि मैचों को स्थानांतरित करके पानी बचाने से कोई फायदा होगा। खेल अलग चीज है। इसे थोड़े पानी की जरूरत है। किसानों को काफी पानी चाहिए। सभी राजनीति पार्टियों को एक साथ आकर पानी की कमी के संकट से निपटना चाहिए।’