लगातार सूखे की खबरों के बीच मौसम विभाग ने एक राहत खबर दी है। मौसम विभाग की माने तो इस साल मॉनसून सामान्य से अच्छा रहेगा। यानी इस साल बारिश सामान्य से ज्यादा होगी। देश में इस साल सामान्य से अच्छी बारिश होने का अनुमान है. मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक एल एस राठौड़ ने मंगलवार को बताया कि इस साल 6 फीसदी अधिक बारिश होने का अनुमान है। इस साल मॉनसून 104 से 110 प्रतिशत तक रहने की बात कही जा रही है। मराठवाड़ा, विदर्भ और बुंदेलखंड सहित देश में कई कई इलाके ऐसे हैं, जहां सूखे के हालात हैं। वहां पर ट्रेन से पानी भेजा गया है। इस खबर से उम्मीद बंधी है कि वहां के हालात भी सुधरेंगे। उन्होंने कहा कि इस साल देश में मानसून के आसार सकारात्मक लग रहे हैं। पिछले साल 14 फीसदी कम बारिश हुई थी।
Temperature before onset of monsoon is going to be above normal, says LS Rathore, DG IMD pic.twitter.com/FuwbP6JaTZ
— ANI (@ANI) April 12, 2016
राठौड़ ने बताया कि इस साल मानसून औसतन 106 फीसदी लंबे रेंज में सामान्य तौर पर बरसेगा. अल नीनो कमजोर हो रहा है और उसके मानसून के बीच में आने की संभावना है. वहीं ला नीना जुलाई से शुरू हो जाएगा. इससे खेती को लेकर बेहद अच्छी संभावनाएं बनती दिख रही हैं. इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
इससे पहले सोमवार को प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने भी अच्छे मानसून की भविष्यवाणी की थी। स्काईमेट के अनुसार इस साल भारत में सामान्य से 5 फीसदी ज्यादा बारिश होगी। मानसून के सामान्य से कम रहने के केवल 15 प्रतिशत चांसेज हैं। मध्य और पश्चिमी भारत में अच्छी बारिश होगी। मानसून के दूसरे दौर में पहले दौर की तुलना में ज्यादा बारिश होगी। जून में 10 प्रतिशत कम बारिश होगी। लेकिन जुलाई और अगस्त में मानसून रफ्तार पकड़ लेगा। अन्य एजेंसियों ने भी इस साल अच्छे मानसून की संभावना जताई है।
बता दें कि पिछले दो साल में मानसून उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। इसके चलते पानी की कमी के साथ ही अनाज उत्पादन में भी कमी दर्ज की गई है। अल नीनो के चलते मानसून पर विपरीत असर पड़ा। इस साल बताया जा रहा है कि अल नीनो कमजोर पड़ा है। इसके कारण मानसून अच्छा रहेगा। पिछले साल मानसून सामान्य से 10 प्रतिशत तक कम रहा था। इसके चलते खरीफ के साथ ही रबी की फसलों पर भी बुरा असर पड़ा था। कम बारिश के चलते देश के कई राज्यों में बांधों में पानी काफी कम हो चुका है।