नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। बसपा के पूर्व सदस्य कमलेश वर्मा ने ताज कॉरिङोर से संबंधित ङीए केश में यह याचिका दायर की है। इसमें सीबीआई को नई एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की अदालत से मांग की गई है। सीबीआई की ओर से पेश अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इसका कड़ा विरोध किया था।
याचिकाकर्ता ने कहा कि मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस हे लेकिन सीबीआई केस दर्ज नहीं कर रही। जबकि हाईकोर्ट ने उनकी आय और उपहारों पर सवाल उठाये हैं। जस्टिस एआर दवे की पीठ ने कहा कि मामले की विस्तार से सुनवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में तुरंत कोई ऑर्डर तो पास नहीं होगा लेकिन हम सुनवाई के लिए तैयार हैं।
मायावती के वकील दलील दी कि याचिकाकर्ता ने बसपा से टिकट नहीं मिलने के कारण बदले की कार्रवाई में याचिका दायर की है। यह राजनीति से प्रेरित है। वहीं सीबीआई के वकील रोहतगी ने मायावती का बचाव करते हुए कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दी है। इन्कम टैक्स ट्रिब्यूनल का भी इस मामले में फैसला आ चुका है। अब वह कुछ नही कर सकती। वहीं सुप्रीम कोर्ट उनके मामले को 2011 में ही रद्द कर चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती। यह मामला ताज कॉरिडोर से अलग है। सपा, भाजपा के नेताओं की भी इस केस पर निगाह रहेगी।
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के खिलाफ अप्रैल 2014 से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में नई एफआईआर दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। याचिकाकर्ता ने ताज कॉरिडोर घोटाले में उपलब्ध सबूतों के आधार पर मायावती के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।