मुंबई। महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे सूखे की सेल्फी लेने पर विवादों में फंस गई हैं। सोशल मीडिया के बाद अब इस मसले पर सियासी घमासान भी तेज हो गया। न सिर्फ विपक्षी दल कांग्रेस बल्कि देवेंद्र फड़णवीस सरकार में साझेदार शिवसेना ने भी इसकी आलोचना की है। इससे पहले सूखाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए वरिष्ठ मंत्री एकनाथ खड़से के हेलिकॉप्टर के लिए बनने वाले हैलीपैड पर 10 हजार लीटर पानी बर्बाद करने के मामले में फड़णवीस सरकार की किरकिरी हुई थी।
दरअसल, पंकजा मुंडे सूखाग्रस्त लातूर के दौरे पर गई थी जहां उन्होंने किसानों के साथ और अकेले की सेल्फी ली थी। उन्होंने वहां अफसरों के साथ भी सेल्फी ली और बकायदा अपने ट्वीटर अकाउंट पर सेल्फी पोस्ट भी की। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मंजरा बैराज के एक हिस्से के साथ सेल्फी। इसके बाद तो सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ घमासान मच गया। लातूर इन दिनों सूखे के लिए सुर्खियों में है। महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास और जल संरक्षण मंत्री लातूर के केसाई गांव में मंजरा नदी पर बन रहे नहर का जायजा लेने पहुंचीं थीं। उन्होंने यहां चल रहे काम को अपने मोबाइल पर भी रिकॉर्ड किया। वहीं डिस्ट्रिटक्ट कलेक्टर उन्हें यहां के कामकाज के बारे में जानकारी देते रहे। यहां मौजूद अन्य अफसरों में लातूर जिला परिषद् के सीईओ भी शामिल थे।
हद तो तब हो गई जब उन्होंने गर्मी के कारण मेकअप खराब होने की भी शिकायत की। पंकजा मुंडे खुद मराठवाड़ा के बीड से आती हैं। बीड में भी सूखे का संकट है। सूखे में सेल्फी लेने पर विपक्ष के साथ-साथ अब पंकजा सहयोगियों के भी निशाने पर हैं। कांग्रेस ने कहा है कि यह भाजपा नेताओं की असंवेदनशीलता दिखाता है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा,’ ‘पंकजा अभी नयी-नयी मंत्री बनी हैं। पहले भी जब महाराष्ट्र में सूखा पड़ा था तब वह विदेश यात्रा पर थीं। पंकजा सूखे पर सस्ती राजनीति कर रही हैं। किसानों का साथ देने और उनके परिवारों के आंसू पोंछने के बजाय पकंजा जी सेल्फी में बिज़ी हैं।’
वहीं सत्ता में साझेदार शिवसेना के प्रवक्ता मनीषा कायनाडे ने कहा कि महाराष्ट्र भीषण अकाल से गुजर रहा है। महिलाएं एवं बच्चे भी दूर दूर से पानी ला रहे हैं। शिवसेना सूखा प्रभावित क्षेत्रों में काफी काम कर रही है। इस प्रकार की गंभीर स्थिति में मंत्री सेल्फी खींच रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे बचा जा सकता था। इससे इस प्रकार के दौरे का प्रभाव कम हो जाता है। पूरा महाराष्ट्र गंभीर सूखे से गुजर रहा है। सेल्फी की कोई जरुरत नहीं थी। यह विचित्र है।
राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि समीक्षा बैठक लेने की बजाय सेल्फी खिंचवाना किसानों की परेशानियों का मजाक बनाने के समान है। उन्होंने कहा कि सरकार सूखे के प्रति गंभीर नहीं है। सूखे से निबटने लिए वहां भी कोई योजना नहीं है जहां महीनों पहले से पर्याप्त आंकडे उपलब्ध हैं। वह बीड एवं लातूर की प्रभारी मंत्री हैं। उन्होंने फिर भी पिछले एक साल से समीक्षा बैठक नहीं की है।
हालांकि अपनी सफाई में पंकजा मुंडे ने कहा है कि विभाग के कामकाज से संतुष्टि पाकर ही फोटो खींचा था। अपने फेसबुक वॉल पर उन्होंने लिखा, “मैं ऐसे सूखाग्रस्त इलाक़े में पानी देखकर खुश हो गई थी. ये रेगिस्तान में पानी देखने जैसा था। मैंने सूखा राहत के लिए उठाए जा रहे प्रयासों की कई समीक्षा बैठकें की। हमने पानी की खोज में गहरी खुदाई भी की लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल सकी। रविवार को अपनी यात्रा के दौरान मंजरा नदी पर साईं बांध की एक खाई में पानी देखकर में ख़ुश हो गई। इसलिए मैंने कुछ तस्वीरें ले लीं। आमतौर पर मैं ऐसा नहीं करती हूं।” पंकजा ने सवाल किया कि उनकी सेल्फ़ी को मुद्दा बनाने से सूखाग्रस्त लोगों को क्या फ़ायदा होगा। उन्होंने लिखा, “मैंने 45 डिग्री की गर्मी में वो फोटो ली। ये उतावलापन नहीं था बल्कि उम्मीद की किरण दिखने का संतोष था।”
महाराष्ट्र का लातूर जिला भयंकर सूखे की चपेट में है। हालात यह है कि लोगों को 8-8 दिनों में पानी नसीब हो रहा है। यहां पानी की किल्लत को देखते हुए ट्रेन से पानी पहुंचाया जा रहा है।