एनडीए के मजबूत गढ़ मगध के चार लोकसभा क्षेत्रों के राजनीतिक-सामाजिक समीकरण बदल गए हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए, राजद-कांग्रेस और जदयू के बीच हुए त्रिकोणात्मक संघर्ष में चारों सीटों पर एनडीए को सफलता मिली थी, लेकिन इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई है. मगध की तीन लोकसभा सीटों गया, औरंगाबाद एवं नवादा के लिए आगामी 11 अप्रैल को मतदान होगा. औरंगाबाद से भाजपा के निवर्तमान सांसद सुशील कुमार सिंह और गया (सुरक्षित) से ‘हम’ प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी चुनाव मैदान में हैं. इस बार भाजपा ने जदयू से गठबंधन के चलते अपनी दो परंपरागत सीटें गया एवं नवादा कुर्बान कर दीं. गया सीट जदयू और नवादा सीट लोजपा को मिली है. भाजपा नेतृत्व के निर्णय से स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं में खासा रोष है, जो परेशानी का सबब बन सकता है. औरंगाबाद कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, लेकिन इस बार यह गठबंधन के तहत ‘हम’ को मिली है.
गया (सुरक्षित) – यह लोकसभा क्षेत्र जनसंघ-भाजपा का गढ़ माना जाता है. पिछले पांच दशकों में हुए चुनावों में यहां जनसंघ और भाजपा के प्रत्याशियों की सबसे अधिक बार जीत हुई है. लेकिन, बदले राजनीतिक समीकरणों के चलते भाजपा ने इस बार यह सीट जदयू की झोली में डाल दी. 2009 एवं 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा के हरि मांझी जीते थे. इस बार ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी यहां से महागठबंधन के प्रत्याशी हैं. 2014 में जीतन राम मांझी जदयू प्रत्याशी के तौर पर तीसरे स्थान पर रहे थे. पिछले दो दशकों से गया सीट पर मांझी बनाम मांझी की लड़ाई होती रही है. यहां मांझी समाज के करीब ढाई लाख वोटर हैं. अल्पसंख्यक वोटर एक लाख अस्सी हजार, राजपूत-भूमिहार-ब्राह्मण पौने तीन लाख, यादव वोटर ढाई लाख एवं वैश्य वोटर करीब दो लाख हैं. आरक्षित सीट होने के कारण दूसरी जातियों के वोटर यहां महत्वपूर्ण हो जाते हैं. जो गठबंधन या प्रत्याशी उन्हें अपनी ओर कर लेगा, सफलता उसे ही मिल सकती है. एनडीए ने जदयू के विजय मांझी को अपना प्रत्याशी बनाया है. विजय पूर्व राजद सांसद स्वर्गीय भागवती देवी के पुत्र हैं. इस सीट के लिए जदयू से कई दावेदार थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने विजय को एनडीए प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया.
औरंगाबाद – पांच दशकों से इस सीट पर दो राजनीतिक घरानों के बीच चुनावी लड़ाई होती रही है. पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंह एवं राम नरेश सिंह उर्फ लुटन सिंह के परिवार के सदस्य यहां आमने-सामने होते रहे हैं. सबसे अधिक सात बार सत्येंद्र नारायण सिंह यहां से सांसद रहे. इस बार कांग्रेस ने अपनी यह परंपरागत सीट गठबंधन के तहत ‘हम’ को दे दी. बदले राजनीतिक-सामाजिक समीकरणों के चलते महागठबंधन के वोट बैंक के अलावा भाजपा प्रत्याशी सुशील कुमार सिंह से नाराज वोटरों ने अगर ‘हम’ की ओर रुख कर लिया, तो एनडीए के लिए मुश्किल हो सकती है. लेकिन, बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की कांग्रेस द्वारा उपेक्षा किए जाने के चलते अगर परंपरागत राजपूत कांग्रेसी वोटरों ने पाला बदल लिया, तो महागठबंधन प्रत्याशी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. महागठबंधन की ओर से ‘हम’ के उपेंद्र प्रसाद प्रत्याशी हैं, जो जदयू से दो बार बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. उपेंद्र को जातीय समीकरणों पर भरोसा है, वहीं एनडीए के भाजपा प्रत्याशी सुशील को अपनी जाति, गठबंधन के वोट बैंक के अलावा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों पर भरोसा है. 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में सुशील ने कांग्रेस प्रत्याशी निखिल कुमार को हराया था. 2009 में जदयू प्रत्याशी के रूप में सुशील ने राजद के शकील अहमद खां को हराया था. औरंगाबाद में राजपूत वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. दूसरे स्थान पर दलित और तीसरे स्थान पर यादव वोटर हैं. यहां कुल वोटर 17 लाख 37 हजार 821 हैं.
नवादा – नवादा भी भाजपा की परंपरागत सीट रही है. 1996 से लेकर अब तक चार बार भाजपा और दो बार राजद ने यहां से जीत दर्ज की. इस बार भाजपा को नवादा सीट लोजपा को देनी पड़ी. सबसे बड़ी बात यह है कि यहां हर बार जीतने वाले का चेहरा बदल जाता है. 2009 में भाजपा के भोला सिंह ने लोजपा की वीणा देवी को पराजित किया था. वहीं 2014 के चुनाव में भाजपा के गिरिराज सिंह ने राजद के राजबल्लभ यादव को हराया. यहां लोजपा ने अंतिम समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया. पहले चर्चित सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के यहां से लडऩे की चर्चा थी, जो मुंगेर से लोजपा की निवर्तमान सांसद हैं. अंतिम समय में लोजपा प्रत्याशी के रूप में चंदन सिंह का नाम घोषित किया गया, जो सूरजभान सिंह के भाई हैं. महागठबंधन से राजद की विभा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. विभा सजायाफ्ता राजबल्लभ यादव की पत्नी हैं. यहां भूमिहारों एवं यादवों के तीस-तीस, पिछड़ों एवं दलितों के दस-दस और मुसलमानों के पांच प्रतिशत वोट हर चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कुल वोटर 16 लाख 56 हजार 152 हैं.
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