दुबई में आयोजित एएफसी एशियन कप में आठ साल के लंबे अंतराल के बाद हिस्सा ले रही भारतीय फुटबॉल टीम का सफर ग्रुप दौर के तीसरे मैच में बहरीन के खिलाफ 0-1 की हार के साथ खत्म हो गया. इसके साथ ही भारतीय टीम ने पहली बार इस टूर्नामेंट के नॉक आउट दौर में पहुंचने का सुनहरा मौका गंवा दिया. ग्रुप-ए के अपने तीसरे मैच में भारतीय टीम को अंतिम क्षणों में हार का सामना करना पड़ा. मैच का एकलौता गोल इंजुरी टाइम (91वें मिनट) में पेनाल्टी के जरिये बहरीन के जमाल राशिद ने दागा. इसके साथ ही सुनील छेत्री की कप्तानी वाली टीम इंडिया का सफर थम गया.
भारतीय टीम ने इस बार टूर्नामेंट की शुरुआत थाईलैंड को 4-1 के बड़े अंतर से मात देकर की थी. तब ऐसा लगा था कि कप्तान सुनील छेत्री और कोच कांस्टेन्टाइन की जोड़ी इस बार नया इतिहास रचेगी. लेकिन, भारतीय टीम को अपने दूसरे मैच में मेजबान यूएई से 0-2 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद बहरीन के खिलाफ मैच भारत के लिए ‘करो या मरो’ के मुकाबले में तब्दील हो गया था. हालांकि, टीम इंडिया ने मैच में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अंतिम क्षणों की चूक उसे भारी पड़ गई और उसका नॉक आउट दौर में पहुंचने का सपना एक बार फिर चूर-चूर हो गया. टीम की हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेन्टाइन ने पद से इस्तीफा दे दिया. 56 वर्षीय कांस्टेन्टाइन ने 2015 में टीम के मुख्य कोच का पद संभाला था. उनके मार्गदर्शन में टीम आठ साल बाद एशियन कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल हुई थी.