समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अपनी मासूमियत से बेटे अखिलेश यादव के लिए परेशानी खड़ी करते रहते हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने गठबंधन में मायावती को तरजीह देने को लेकर अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अपने लोग ही पार्टी को कमजोर करने पर तुले हुए हैं. मैंने अखिलेश से कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दो, जिससे वे तैयारी कर सकें.
भाजपा तैयारियों के मामले में हमसे आगे निकल गई है. हमने 14 महीने पहले प्रत्याशियों के नाम फाइनल कर दिए थे और बड़ी जीत मिली थी, लेकिन अखिलेश अभी तक टिकट नहीं तय कर पाए. उन्होंने कहा कि जीतने वाले नेताओं को टिकट दो. शिवपाल को भी लोग नाम दे रहे हैं. टिकट देना भले ही अखिलेश के हाथ में हो, हटाना मेरे हाथ में है.
मुलायम सिंह ने पहली बार अखिलेश के लिए मुश्किलें खड़ी नहीं कीं, बल्कि कुछ दिनों पहले वह संसद में नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं भी दे चुके हैं. दरअसल, 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम सदन को संबोधित कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने सबके साथ मिलजुल कर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है. प्रधानमंत्री मोदी को हमारी बधाई और हमारी कामना है कि वह फिर से चुनकर आएं और प्रधानमंत्री बनें. मुलायम के इस बयान को भाजपा ने अखिलेश पर हमला करने का हथियार बनाया है.