मुख्य सचिव से नाराज केरल सरकार
रेल के मुख्य सचिव टॉम जोस से राज्य सरकार नाराज है. सूत्रों का कहना है कि पिछले साल 31 दिसंबर तक दिए गए सभी कृषि ऋणों के निष्पादन सहित कृषि पैकेज के लिए आदेश जारी न करने की वजह से जोस राज्य मंत्रिमंडल के निशाने पर हैं. ऐसा माना जा रहा है कि राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले और वह भी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद, जोस द्वारा उनका पालन न करने पर नाराजगी जताई. कहा जाता है कि कैबिनेट ने इस संबंध में मुख्य सचिव का स्पष्टीकरण खारिज करते हुए उन्हें कृषि पैकेज निष्पादित करने के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मुख्य सचिव और राजस्व प्रमुख सचिव डॉ. वेणु वी ने कैबिनेट को बताया था कि ऋण राहत संबंधित कृषि विभाग का निर्देश चुनाव आचार संहिता के खिलाफ था. जोस ने यह भी बताया कि कृषि ऋण के लिए ‘मॉर्टोरियम’ अक्टूबर तक लागू था और किसानों को चिंता नहीं करनी चाहिए. जाहिर है, नाराज नेताओं को खुश करने के लिए यह स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं था.
ईडी में गुटबाजी चरम पर
क्या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सीबीआई के रास्ते पर जा रहा है? इस एजेंसी को अलग-अलग दिशाओं में खींचा जा रहा है, जैसा कि हाल में एक वरिष्ठ जांच अधिकारी से जुड़े विवाद में देखा गया. संयुक्त निदेशक सत्यब्रत कुमार को कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की निगरानी को छोडक़र मुंबई जोनल यूनिट के प्रभारी के रूप में सभी कर्तव्यों से विमुख करते हुए अतिरिक्त निदेशक (डब्ल्यूआर) के प्रति जवाबदेह बनाया गया. लेकिन, कुछ ही घंटों के भीतर यह आदेश पलट दिया गया, क्योंकि पता चला कि ईडी- पश्चिमी क्षेत्र के विशेष निदेशक विनीत अग्रवाल ने मुख्यालय से सलाह किए बिना इसे जारी कर दिया था. कुछ लोग इस प्रकरण में गुटबाजी को भी वजह मान रहे हैं,जैसा कि सीबीआई में देखने को मिला था.
सीवीओ का चाहिए ग्रीष्म अवकाश
वियना के दक्षिण में ऑस्ट्रिया का लक्जनबर्ग एक शांत शहर है और अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है. यह अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक अकादमी का मुख्यालय भी है, जो सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार विरोधी उपायों के बारे में प्रशिक्षित करता है. जून की शुरुआत में अकादमी भारत के मुख्य सतर्कता अधिकारियों के एक समूह की मेजबानी करेगी, जहां वे सतर्कता से संबंधित प्रशिक्षण में भाग लेंगे. प्रशिक्षण केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा आयोजित किया गया है. सूत्रों का कहना है कि समूह में नामित होने के लिए सीवीओ की भीड़ बढ़ गई है. दिल्ली की प्रचंड गर्मी से बचने और कुछ दिनों के लिए ऑस्ट्रिया की शांत जगह पर जाने का यह लालच बाबुओं के लिए लुभावना है! आयोग की प्रशिक्षण योजना में कहा गया है कि अधिकारी (सीवीओ) पिछले दो सालों में किसी भी विदेशी प्रशिक्षण से न गुजरे हों, तभी वे इसके लिए पात्र होंगे. जाहिर तौर पर, कार्मिक मंत्रालय को फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट में नौकरशाहों के घरेलू एवं विदेशी प्रशिक्षण के लिए 240 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. कार्मिक मंत्रालय सीवीसी के लिए एक नोडल विभाग के रूप में कार्य करता है.