भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम कप्तान माने जाने वाले महेन्द्र सिंह धोनी कुछ समय से विवादों में हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली बिल्डर ने जब लोगों को वादे के मुताबिक समय पर घर और सुविधाएं नहीं दीं तो खरीदारों ने कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर धोनी से कंपनी से नाता तोड़ने की अपील की। यह सही है कि धोनी का नाम किसी भी उत्पाद के साथ जुड़ते ही उसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंहुच जाती है। देश-विदेश के लोग उससे जुड़ना चाहते हैं। लोग आम्रपाली से जुड़े भी तो इसी वजह के कारण ही थे। धोनी ने आम्रपाली से वायदा निभाने को कहा। विवाद बढ़ता देख महेन्द्र सिंह धोनी ने आम्रपाली से नाता तोड़ लिया। मशहूर अभिनेता शाहरुख खान, जो खुद महागुन बिल्डर से जुड़े हैं, ने धोनी का बचाव करते हुए कहा कि कंपनी के ब्रांड का विज्ञापन करने वाले सितारे पूरी तरह जिम्मेदार नहीं हैं। हालांकि विज्ञापन करने से पहले सितारों को उत्पाद की अच्छी तरह से जांच पड़ताल करनी चाहिए जो अमूमन नहीं किया जाता है। इस प्रकरण से धोनी की छवि खराब हुई है। टी20 विश्व कप में भारत सेमीफाइनल में हार गया। अपनी विदेशी गाड़ी के लिए भी धोनी को पेनाल्टी देनी पड़ी। ऐसा लग रहा है कि इनके सितारे आजकल बुरी स्थिति में हैं।
महेंद्र सिंह धोनी की कुंडली
जन्म – 7 जुलाई 1981
स्थान- रांची (झारखंड)
समय- दोपहर 11 बजकर 15 मिनट
लग्न- कन्या
राशि- कन्या
धोनी का जन्म कुंडली के अनुसार 7 जुलाई 1981 को झारखंड की राजधानी रांची में दोपहर 11 बजकर 15 मिनट पर हुआ। कन्या लग्न और कन्या राशि की उनकी कुंडली में दशम में अपनी राशि में विराजमान बुध के कारण भद्र महापुरुष राजयोग भी बना हुआ है। कन्या राशि व्यापारी राशि है जिससे पता लगता है कि धोनी बेमतलब कुछ नहीं बोलते और अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं। काम निकालने में माहिर हैं। एकादश भाव में विराजमान राहु और योगकारक ग्रह शुक्र उन्हें जीवनभर अपार भौतिकता प्रदान करेगा। जन्म लग्न में चंद्रमा के साथ उच्च अभिलाषी शनि और देवगुरु बृहस्पति की मौजूदगी धोनी को सामाजिक और धार्मिक भी बनाती है। कुंडली में दोष यही है कि लग्न और राशि स्वामी बुध का शत्रु अशुभ आठवें घर का स्वामी मंगल भाग्यस्थान नवम् भाव में विराजमान है। इससे उनका भाग्य जीवन भर कभी-कभी उन्हें धोखा देता रहेगा। उनका शुरुआती जीवन इसी कारण अभावों में बीता है। हां, मंगल की सप्तम दृष्टि तीसरे भाव वृश्चिक पर पड़ रही है जिससे उन्हें विपरीत परिस्थितियों से जूझने की क्षमता भी मिल रही है। साथ ही उनमें वाहन तेज चलाने की खतरनाक आदत भी इसी कारण है जो भविष्य में उन्हें चिन्ता दे सकती है। फौज से जुड़ने का एक प्रमुख कारण यह भी है।
वर्तमान में कन्या राशि से देवगुरु बृहस्पति के गोचर में अशुभ बारहवें भाव सिंह राशि में राहु के साथ बने गुरुचंडाल योग के कारण उन्हें विवादों से उलझना पड़ रहा है। अच्छी बात यह है कि गोचर में तीसरे भाव में विराजमान न्यायप्रिय ग्रह शनि जनवरी 2017 तक उन्हें बचाता रहेगा। हां, 11 अगस्त को जब देवगुरु बृहस्पति सिंह राशि छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेगा और गुरुचंडाल योग से मुक्त हो जाएगा तब धोनी को राहत मिलेगी।
इस साल मई से 11 अगस्त तक मंगल के वक्री होकर तुला और वृश्चिक में रहने से धोनी को खेल, व्यापार में सावधान रहने की जरूरत है। कुंडली में मौजूद राजयोग के कारण ही भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में धोनी कामयाब रहे। वे दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिनके नाम आईसीसी की तीनों ट्रॉफियां जीतने का रिकॉर्ड है। टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप, 50 ओवरों के विश्वकप और चैंपियंस ट्रॉफी तक जीती। यही नहीं इन्होने पिछले आईपीएल सत्र तक चेन्नई सुपरकिंग का कप्तान होते हुए अपनी टीम को दो बार आईपीएल का चैंपियन बनाया। इसी टीम का आईपीएल में सर्वाधिक मैचों को जीतने का भी रिकॉर्ड है। साथ ही टी-20 चैंपियंस लीग का भी खिताब जीत ऐसा करने वाली पहली भारतीय टीम भी बनी। शनि की साढ़े साती में ही धोनी ने 2011 का क्रिकेट विश्वकप दो दशक के लंबे इंतजार के बाद धमाकेदार अंदाज में जीता। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में विकेट के पीछे सर्वाधिक कैच-स्टंपिंग का रिकॉर्ड धोनी का ही है। कहा जाता है कि हर महत्वपूर्ण सीराज के पूर्व धोनी रांची-टाटा मार्ग पर स्थित देवड़ी मंदिर में जाकर मत्था टेकते हैं। पाठकों को याद होगा कि विश्वकप जीतने के बाद मन्नत पूरी करने के लिए आधी रात में धोनी ने मुंडन कराया था।
धोनी की कुंडली के अनुसार केतु की पंचम भाव में मौजूदगी यह साफ संकेत कर रही है कि गणेश जी की नियमित पूजा से ही उनकी रक्षा हो सकती है। चल रही राहु की दशा 2017 में सूर्य, चंद्र और मंगल की अंतर्दशा में कठिन परीक्षा लेगी। भविष्य में धोनी एक राजनेता के रूप में भी उभर सकते हैं। धोनी को ज्योतिष प्रबंधन के तहत यह ध्यान रखना चाहिए कि जब भी चंद्रमा मेष राशि में हो वे ढाई दिन सावधान तथा सतर्क रहें। मिथुन, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि का चंद्रमा उन्हें शुभ फल प्रदान करेगा। मेष राशि वालों से उन्हें सदैव सावधान रहना चाहिए।
वैसे न्यायप्रिय ग्रह शनि की दृष्टि व्यय भाव के स्वामी सूर्य पर पड़ रही है जिससे समय-समय पर सरकार और विशिष्ट जनों से उनका टकराव होता रहेगा और उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।