नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना गुरुवार को होगी। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मतगणना पूरी होने के साथ ही इन राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
एक्जिट पोल के मुताबिक असम में कांग्रेस को हराकर भाजपा पहली बार सरकार गठित कर सकती है। वहीं कांग्रेस को केरल में भी हार का सामना करना पड़ सकता है। तमिलनाडु में द्रमुक अन्नाद्रमुक को हराकर सत्ता हासिल कर सकती है। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की लगातार दूसरी बार जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसे केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में जीत मिलने की संभावना है।
निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार डाक मतपत्रों की गिनती के आधे घंटे बाद ईवीएम से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारियों एवं उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों की मौजूदगी में ‘मत इकाई’ का स्विच चालू किया जाता है और ‘रिजल्ट’ कमांड की ‘की’ दबाई जाएगी ताकि प्रति मशीन परिणाम प्राप्त किए जा सकें। जहां ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया गया है वहां मतगणना एजेंट मतदान मशीन से जुड़े ड्रॉप बॉक्स में कागज की पर्चियों की गणना की मांग कर सकते हैं लेकिन अंतिम गणना निर्वाचन अधिकारी ही करता है। परिणामों की घोषणा के बाद विजेता उम्मीदवारों के नामों का राजपत्र में उल्लेख किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव छह चरणों में सम्पन्न हुआ है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिये एक एक गणना प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (ईसीआईएल) के इंजीनियर भी मतगणना केन्द्रों पर उपस्थित रहेंगे ताकि किसी तरह की तकनीकी दिक्कत होने पर वे तुरंत उसे ठीक कर सकें। केन्द्रीय सुरक्षा बलों की 78 कंपनियां मतदान मशीनों की सुरक्षा में तैनात की गई हैं।
तमिलनाडु के 32 जिलों में 234 विधानसभा सीटें हैं लेकिन मतदान केवल 232 सीटों के लिए हुआ है क्योंकि चुनाव आयोग ने मतदाताओं के बीच धन बांटे जाने की शिकायतों के बाद अरावाकुरिची और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान टालने का निर्णय लिया था। इन सीटों के लिए 23 मई को मतदान होगा।