नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस अस्त्र से अपने विरोधियों पर निशाना साधते रहे हैं, पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद महेश गिरी ने उसी अस्त्र का इस्तेमाल केजरीवाल के खिलाफ किया है। एनडीएमसी के अफसर एमएम खान की हत्या की साजिश रचने का केजरीवाल की ओर से गिरी पर आरोप लगाने के मसले पर मामला अब खुली बहस से लेकर धरने पर पहुंच गया है। महेश गिरी ने मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरना दे दिया है। उनकी मांग है कि केजरीवाल जो आरोप लगा रहे हैं उसके सबूत दें या फिर पद से इस्तीफा दें। सोमवार को उनके समर्थन में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी उतर आए।
दरअसल, दिल्ली पुलिस खान हत्या मामले में गिरी को क्लीन चिट दे चुकी है। इसके बावजूद केजरीवाल उन पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। इसे लेकर सांसद महोदय ने पूरी दिल्ली में पोस्टर लगवाकर केजरीवाल को खुली बहस की चुनौती दी थी। इसके लिए कंस्टीट्यूशन क्लब में रविवार शाम चार बजे का समय मुकर्रर किया गया था। इसमें आने से केजरीवाल ने यह कह कर इनकार कर दिया कि सड़कों पर हम कैसे बहस करें। मुख्यमंत्री जब वहां नहीं पहुंचे तो सांसद महोदय उनके घर के बाहर अपने समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर बैठ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है। आशंका है कि भाजपा और आप समर्थकों में भिड़ंत हो सकती है।
महेश गिरी मांग कर रहे हैं कि केजरीवाल अपने आरोपों को लेकर सार्वजनिक रूप से बहस करें और दुनिया के सामने प्रमाण रखें। भाजपा अरविंद केजरीवाल पर हिट एंड रन की नीति पर चलने का आरोप लगाती रही है। केजरीवाल पर आरोप है कि वो बिना किसी पुख्ता सबूत के अपने किसी विरोधी पर आरोप लगाने के बाद आगे बढ़ जाते हैं और फिर अगले दिन किसी एक नए विरोधी पर निशाना साधने लग जाते हैं।
धरने की इस राजनीति पर दोनों ओर से बयानबाजी जारी है। गिरी के धरने पर केजरीवाल ने ट्वीट किया, ”अब ये फैसला हो जाना चाहिए कि कौन भारत की धरना पार्टी है।’ उन्होंने कहा, ”एक ईमानदार ऑफिसर का मर्डर हो गया। भाजपा का ये सिस्टम है कि जो हत्या करे, उसे केजरीवाल के घर के सामने धरने पर बैठा दो। पुलिस महेश गिरी को गिरफ्तार करके जांच करे। लेकिन पुलिस इसकी जांच नहीं कर रही है क्योंकि उस पर भाजपा का दबाव है।” वहीं आप नेता आशुतोष ने ट्वीट किया, डायबिटीज का मरीज होने के बावजूद अरविंद ने 15 दिन तक अनशन किया था, महेश गिरी को 29 दिन तक अनशन करना चाहिए नहीं तो लोग कहेंगे नाटक कर रहे हैं। वहीं, गिरी को समर्थन देने पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘ अब तक मैं राजन (आरबीआई गवर्नर) के पीछे पड़ा था। अब उनकी अंत्येष्टि होने वाली है तो अब मैं दिल्ली सरकार के पीछे पड़ूंगा।’ स्वामी ने केजरीवाल के साथ-साथ दिल्ली के उपराज्यपाल पर भी निशाना साधा और पूछा कि वे कानून के हिसाब से काम क्यों नहीं करते? उन्होंने जंग को कांग्रेस का एजेंट करार देते हुए उन्हें हटाने की भी मांग की।