तुर्की में तख्‍तापलट की साजिश नाकाम

अंकारा। तुर्की में सेना ने तख्तापलट की साजिश की पर उसे जनता ने ही नाकाम कर दिया। फर्स्ट आर्मी के कमांडर जनरल उमित दुनदार को नया कार्यवाहक सैन्य प्रमुख नियुक्त किया गया है। 2800 से ज़्यादा बाग़ी सैनिकों को पकड़ लिया गया है। तख़्तापलट की कोशिश में 161 लोग मारे गए हैं और 1440 घायल हैं। 15 जुलाई की रात सेना के हवाई हमले में 17 पुलिस अधिकारी मारे गए। इस्तांबुल में दो नागरिकों की मौत हो गई। संसद के बाहर दो विस्‍फोट किए गए। राष्‍ट्रपति रैचेप तैयाप एर्दोआन के घर के पास बम बरसाए गए। तुर्की की समाचार एजेंसी एनादोलु का कहना है कि तख्तापलट की कोशिश करने वालों ने वॉट्सऐप का इस्तेमाल किया था। वॉट्सऐप पर भेजे संदेशों में उन्होंने कहा कि इस्तांबुल की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को रोक दिया जाएगा और सरकार के इमरजेंसी संचार का वीडियो लिंक काट दिया जाएगा।

तुर्की के प्रधानमंत्री यिलदिरिम ने कहा है कि तुर्की में तख़्तापलट की कोशिश लोकतंत्र पर काला धब्बा है। तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद हालात ‘पूरी तरह नियंत्रण में’ हैं और इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि तख्तापलट की साजिश रचने वाले के साथ ‘वैसा ही इंसाफ होगा जिसके वो हक़दार हैं।’ तख़्तापलट की कोशिश में 161 लोग मारे गए हैं और 1440 घायल हैं,  जबकि 2800 से ज़्यादा बाग़ी सैनिकों को पकड़ लिया गया है। उन्‍होंने तख्तापलट के लिए निर्वासित इस्लामी धर्मगुरु फतहुल्लाह गुलेन को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, “जो भी देश गुलेन के साथ खड़ा है वह तुर्की का दोस्त नहीं हो सकता और उसके साथ तुर्की का युद्ध माना जाएगा।”

उधर, घटनाक्रम पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं मिली हैं। फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यौं-मार्क एरो ने उम्मीद जताई है कि तुर्की का लोकतंत्र और मजबूत होकर उभरेगा। रूस ने कहा है कि वह क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंतित हैं लेकिन तुर्की के ‘वैध नेतृत्व’ के साथ मिल कर काम करने को तैयार हैं। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने लिखा, “तनावों और चुनौतियों को बंदूकों से हल नहीं किया जा सकता है। सैन्य तख्तापलट के लिए आधुनिक तुर्की में कोई जगह नहीं है। लोकतंत्र और कानून के राज का कोई विकल्प नहीं है।” अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने ट्वीट कर कहा, मैंने तुर्की के विदेश मंत्री से बात की है और तुर्की की चुनी हुई सरकार और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति हम समर्थन व्यक्त करते हैं।

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