दयाशंकर पर पड़ा ‘‘गंदी बात’’ का साइड इफेक्‍ट

नई दिल्ली। गंदी बात करने वाले भाजपा नेताओं पर उसका साइड इफेक्‍ट पड़ने लगा है। मायावती को अपशब्द कहने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने अपने नेता दयाशंकर सिंह को यूपी भाजपा उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है। हालांकि दयाशंकर ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। उन्होंने अपनी सफाई में कहा था कि मेरी बात से कोई आहत है,  तो मैं खेद प्रकट करता हूं। भाजपा उपाध्‍यक्ष दयाशंकर को बयान देने के 24 घंटे के अंदर पद से हटा दिए जाने से यह साफ हो गया है कि भाजपा अब अपने बड़बोले नेताओं को बर्दाश्‍त नहीं करेगी, भले ही वह कितने भी महत्‍वपूर्ण पद पर क्‍यों न हो। यूपी चुनावों में जातिगत समीकरण साधने में जुटी भाजपा ने दयाशंकर को पद से तुरंत हटाकर यह साफ संदेश दिया है कि उसके लिए अगले चुनावों में दलित कितना महत्‍व रखते हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है। ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले व्यक्ति का भाजपा में कोई स्थान नहीं है।’  उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बयान देने में भाषा का ध्यान रखने की ताकीद की और कहा है कि किसी पर टिप्पणी करने में मर्यादा का ध्यान रखें।

गौरतलब है कि बीएसपी में कथित तौर पर मोटी रकम लेकर टिकट बेचे जाने को लेकर दयाशंकर ने मायावती पर ऐसी टिप्पणी कर दी थी जिससे सियासी बवाल मच गया है। दयाशंकर ने कहा था, ‘मायावती टिकट बेच (चुनाव लड़ने के लिए) रही हैं…वे बड़ी नेता हैं, तीन बार की मुख्यमंत्री… लेकिन वे उन्हें टिकट दे रही हैं जो उन्हें एक करोड़ रुपये दे रहा है। यदि दोपहर को कोई दो करोड़ रुपये लेकर आ जाएगा तो वे उसे टिकट दे देंगी। यदि कोई शाम को तीन करोड़ लेकर आएगा तो वे पिछले प्रत्याशी का टिकट खारिज करते हुए उसे बतौर प्रत्याशी चुन लेंगी। उनका चरित्र….. से भी बदतर है।’

दयांशकर सिंह के इस बयान पर बुधवार को संसद में खूब हंगामा हुआ, जहां बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनके खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। मामले में सख्‍त तेवर अपनाने के संकेत देते हुए बसपा सुप्रीमो ने संसद में कहा,  ‘देश को उस नेता को माफ नहीं करना चाहिए जिसने मुझे अपशब्‍द कहे।’ संसद में इस दौरान कई नेता उनके पक्ष में खड़े नजर आए। मायावती ने कहा, ‘संसद में और बाहर, ज्‍यादातर लोग मुझे ‘बहनजी’ या ‘बहन’ कहकर संबोधित करते हैं। ऐसे में जिस शख्‍स ने मेरे लिए ऐसा बयान देकर मुझे नहीं बल्कि अपनी बहन को ही अपशब्‍द कहे हैं। उन्‍होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा,  ‘यदि इस व्‍यक्ति के खिलाफ उसकी पार्टी (भाजपा) ने कार्रवाई नहीं की तो पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे।’

वहीं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा नेता के इस बयान पर खेद व्यक्त किया। राज्यसभा में जेटली ने कहा, ‘यह सही नहीं है और मैं ऐसे शब्दों के उपयोग की निंदा करता हूं और अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा कहा है तो हम इसकी जांच करेंगे। मैं निजी तौर पर खेद व्यक्त करता हूं। मैं आपके सम्मान के साथ संबद्ध हूं और आपके साथ खड़ा हूं।’ वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस टिप्पणी पर खेद जताया था। उन्होंने कहा कि हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम मायावती जी का आदर करते हैं।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इस बयान के बाद दयाशंकर ने भी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली थी, हालांकि यह उनका उपाध्यक्ष पद बचाने के लिए काफी साबित नहीं हुआ। सिंह ने बलिया में कहा कि मायावती छोटे परिवार से निकली बड़ी नेता हैं। उनका मकसद किसी को दुख या किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर उनके मुंह से कोई ऐसी बात निकल गई हो, तो वह इसके लिए माफी चाहते हैं। दयाशंकर सिंह ने पिछले माह यूपी विधान परिषद का चुनाव लड़ा था और उन्हें इसमें हार का सामना करना पड़ा था।

दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को टिकट बिक्री मामले पर टिप्पणी की थी कि मायावती जिस तरह से मोलभाव कर रही हैं इस तरह एक वेश्या भी अपने पेशे को लेकर नहीं करती। उन्होंने ने मऊ में यह विवादित बयान दिया।

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