जीएसटी का निर्भय स्‍वागत

नई दिल्ली। एक देश एक टैक्स वाला जीएसटी बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी का निर्भय स्‍वागत करने के लिए विपक्ष का शुक्रिया अदा किया। राज्यसभा ने बुधवार को ही जीएसटी विधेयक को पारित कर दिया था, सरकार की ओर से छह संशोधन पेश किए गए जिन्हें सदन ने सर्वसम्मति से मंजूरी प्रदान कर दी थी। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में मंजूर किए गए संशोधनों को शामिल करने के लिए इसे फिर से लोकसभा में लाया गया। लग्जरी कारें, एफएमसीजी उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सिलेसिलाए परिधान अगले साल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने पर सस्ते होंगे, लेकिन मोबाइल फोन, बैंकिंग तथा बीमा सेवाएं, टेलीफोन बिल और हवाई यात्राएं उच्च कर के कारण महंगी हो जाएंगी। जीएसटी के एक अप्रैल, 2017 से लागू होने की संभावना है।

इसके तहत विनिर्मित वस्तुओं पर शुल्क कम हो जाएगा और उपभोक्ताओं पर सेवा कर का बोझ बढ़ेगा, क्योंकि यह उपभोग आधारित कर है। उधर, उद्योग जगत के एक बड़े वर्ग की चाहत है कि जीएसटी की दर 20 प्रतिशत से कम रखी जाए और महंगाई पर अंकुश रखने लिए दूर संचार, बैंकिंग, हेल्‍थकेयर और रेलवे जैसी सेवाएं विशेष सूची में शामिल की जाएं। उद्योग चैंबर एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा है कि कोई भी कर सुधार तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक कि केंद्र और राज्‍य दोनों के लिए पर्याप्‍त राजस्‍व की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित न हो।

सरकार को उम्मीद है कि वस्तु एवं सेवा कर के लाभ आम आदमी तक पहुंचेंगे, लेकिन उसका कहना है कि यह बताना अभी संभव नहीं है कि क्या महंगा होगा और क्या सस्ता। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कुल मिला कर जीएसटी से आम आदमी पर करों का बोझ कम होगा। पर जब तक कर की दरों का ढांचा तय नहीं हो जाता तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि किस सामान पर राहत मिलेगी। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को भारत में अब तक के सबसे शक्तिशाली कर सुधार के तौर पर देखा जा रहा है और इसके जरिए विभिन्न किस्म की वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली खत्म हो जाएगी और ये सभी एक ही दर पर उपलब्ध होंगे।

सरकार एक अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने की योजना बना रही है जो उत्पादन आधारित मौजूदा कराधान प्रणाली को उपभोक्ता आधारित कराधान में तब्दील करेगा। कर विशेषज्ञों ने कहा कि जीएसटी लागू होने से मौजूदा प्रणाली की वह कमी खत्म हो जाएगी जिसमें कर पर कर लगने से करों का प्रभाव बढ़ने की समस्या थी। इससे विभिन्न किस्म के उत्पादों की कीमत कम करने में मदद मिलेगी जिनमें एफएमसीजी से लेकर टिकाऊ उपभोक्ता और इलेक्ट्रानिक से लेकर रेडीमेड कपड़े तक शामिल होंगे। दूसरी ओर कुछ ऐसी वस्तुएं होंगी जिन पर फिलहाल कम शुल्क लगता है, मसलन छोटी कारें जिन पर सिर्फ आठ प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता है। इन पर जीएसटी का असर लगभग विपरीत हो सकता है। लेकिन एसयूवी और बड़ी कारों जिन पर 27-30 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता है,  इनकी कीमत में गिरावट आ सकती है।

कर विशेषज्ञों ने कहा कि एंबुलेंस सेवा जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सांस्कृतिक गतिविधियां, कुछ तीर्थयात्राएं और खेल संबंधी समारोह जिन्हें शुल्क में छूट है, वे मंहगी हो जाएंगी क्योंकि इन पर शुल्क बढ़कर 18-22 प्रतिशत हो जाएगा जो फिलहाल 14.5 प्रतिशत है। इस तरह बाहर खाना, यात्रा करना, टेलीफोन बिल, बैंकिंग एवं बीमा सेवाएं, टैक्सी सेवा, ब्राडबैंड, थियेटर में फिल्म देखना, ब्रांडेड जेवरात और आईपीएल जैसे लोकप्रिय खेल समारोह महंगे हो जाएंगे। जीएसटी प्रणाली में विनिर्मित उपभोक्ता उत्पाद सस्ते होंगे क्योंकि उससे उत्पाद शुल्क और वैट का आघात कम होगा जो इस समय 25-26 प्रतिशत बनता है लेकिन सेवाओं पर कर बढ़ेगा जो अभी 15 प्रतिशत है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी ऐसा कोई संकेत नहीं है कि जीएसटी की दर क्या रखी जाएगी पर पूरी संभावना है कि यह 18-22 प्रतिशत के बीच होगी। इससे विनिर्मित वस्तुएं सस्ती होंगी। कच्चे खाद्य उत्पाद जैसी कुछ आवश्यक वस्तुओं पर फिलहाल कर नहीं लगता है। उम्मीद है कि ये जीएसटी में भी बाहर रखी जाएंगी। जीएसटी प्रणाली लागू होने पर जिन उत्पादों की कीमत घटेगी उनमें लग्जरी वाहन, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, एफएमसीजी और फार्मा उत्पाद शामिल हैं। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर कर लगना जारी रहेगा लेकिन जीएसटी लागू होने पर इन उत्पादों पर मौजूदा संयुक्त कर कम होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *