वीरेंद्र नाथ भट्ट।
मायावती पर भद्दा बयान देने के बाद जिस दयाशंकर को सभी राजनीतिक पार्टियों ने अछूत घोषित कर दिया था। जिसे बीजेपी ने खुद पार्टी से निकाल दिया। उसी दयाशंकर को लेकर जो लड़ाई स्वाति ने छेड़ी है, उसके समर्थन में बीजेपी ने ‘बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में’ के नारे के साथ 23 जुलाई को लखनऊ और प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में प्रदर्शन किया। स्वाति के बयानों और आरोपों पर मायावती लाख सफाई दे रही हों मगर बसपा के एक नेता के अनुसार मायावती ने खुद अपने सलाहकारों को जमकर फटकार लगाई है। हालांकि अपने कॉडर को बचाने के लिए मायावती ने उन पर कोई कार्रवाई तो नहीं की है लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी से लेकर राम अचल राजभर तक को खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक कि नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे नेताओं को साफ चेतावनी दी है कि ऐसी हरकत दोबारा करने पर उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
स्वाति को सता रहा सुरक्षा का डर
स्वाति सिंह की 12 साल की बेटी लखनऊ के लॉरेटो कान्वेंट स्कूल में पढ़ती है, जिसे स्वाति सिंह खुद स्कूटी से स्कूल छोड़ने जाती हैं। इसके अलावा घर की सब्जी से लेकर राशन तक का सामान वह खुद ही लाती हैं। इसलिए उस पर खतरे का डर ज्यादा है। इसके चलते स्वाति ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है और सरकार ने उन्हें सुरक्षा गार्ड उपलब्ध भी करा दिया है।
परिवार को भी संभाल रही हैं स्वाति
ऐसा नहीं है कि स्वाति ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए अपनी निजी जिंदगी को ताक पर रख दिया। दया शंकर सिंह के बयान से उपजे विवाद की बाद से स्वाति अपनी सास, मां और बेटी को भी संभाल रही हैं। विवाद से परेशान स्वाति का कहना है कि उनकी बेटी डिप्रेशन में चली गई है। घर के जरूरी सामान लेने के लिए घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। स्वाति सिंह ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती और दो अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। उनका कहना है कि मुझे और मेरी बेटी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले नेताओं को मायावती क्यों नहीं हटा रही हैं।
औरैया से बसपा के पूर्व विधायक विनय शाक्य ने नसीमुद्दीन के बयान की निंदा करते हुए कहा, ‘उत्तर प्रदेश में बयान बहादुरों की कमी नहीं है। दया शंकर सिंह का बयान भारतीय जनता पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं था। यह उनकी निजी राय थी। लेकिन इस बयान के जवाब में नसीमुद्दीन ने दया शंकर सिंह की पत्नी और बेटी के बारे में जो अपशब्द कहे वे बेहद निंदनीय हैं। मैं स्वाति सिंह की इस मांग का समर्थन करता हूं कि नसीमुद्दीन को गिरफ्तार किया जाए और कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए। नसीमुद्दीन को पार्टी से निकालने की स्वाति सिंह की मांग पूर्णतया जायज है वरना यह सन्देश जाएगा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन के अपशब्दों का समर्थन करती हैं।’ दयाशकंर सिंह की पत्नी ने जिस तरह से नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आपत्तिजनक बयान पर आक्रामक रुख अख्तियार कर उनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है उससे बीजेपी के नेता उत्साहित हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में स्वाति को टिकट देने पर विचार कर सकती है। दया शंकर सिंह के बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर आपत्तिजनक बयान के बाद जिस तरह से मायावती ने इस पूरे मामले को एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करके अपने वोट बैंक को मजबूत करने की भरपूर कोशिश की, दयाशंकर सिंह के बयान से बीजेपी बैकफुट पर आ गई, लेकिन स्वाति सिंह ने बाजी को पलट दिया।