WATCH: Dramatic visuals of a bridge collapsing due to spate in river in Kangra district of Himachal Pradeshhttps://t.co/KoRa7rjqfj
— ANI (@ANI) August 12, 2016
हिमाचल में 44 साल पुराना पुल ढह गया। यह पुल हिमाचल के कांगड़ा जिले में था। गुरुवार दोपहर भारी बारिश और पानी के तेज बहाव के चलते यह पुल बह गया।
कांगड़ा के डीसीपी रितेश चौहान ने ओपिनियन पोस्ट को बताया कि पुल में चार- पांच दिन पहले ही दरारें देखी गईं थी। कुछ दिनों से लगातार बारिश होने की वजह से पुल में दरारें आ गईं थी। जिसकी वजह से उस पर से आवाजाही भी रोक दी गई थी।
ओपिनियन पोस्ट के पूछे जाने पर कि पुल में अगर इस पर दरारें नहीं देखी जाती तो काफी बड़ा जान-माल का नुकसान होता ऐसे में डीसीपी रितेश का कहना था कि हम इन बातों का ख्याल रखते हैं कि ऐसी घटनाएं ना हों। हमारी ओर से कोई कोताही नहीं बरती जाती है।
यह पुल हिमाचल के नूरपुर तहसील को पड़ोसी राज्य पंजाब से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर बना था और इस पर वाहनों की भारी आवाजाही रहा करती है. हालांकि प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से इस हादसे में किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पुराने पुलों की जानकारी रखने और मरम्मत करवाने को लेकर कांगड़ा और नूरपुर के पीडब्लयूडी विभाग से जब ओपिनियन पोस्ट ने जानना चाहा तो उन्होंने इस मसले पर बात ही नहीं की।
हादसे के वक्त कांगड़ा में लोगों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाया है, जिसमें 160 मीटर लंबे इस पुल के बड़े हिस्से पानी की तेज धार में बहते दिख रहे हैं। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के मुताबिक इस हादसे में पुल के 10 पिलर और 76 मीटर का हिस्सा पानी में बह गया।
इस घटना से 10 दिन पहले महाराष्ट्र में मुंबई-गोवा हाइवे पर बना एक ब्रिटिश कालीन पुल भी तेज बारिश के चलते ऐसे ही ढह गया था। इस हादसे के कारण कई बसें नदी में बह गई थी। हादसे के शिकार 28 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं, जबकि 16 लोग अब भी लापता है।