चंडीगढ़। सदन की गरिमा गिराने का एक और उदाहरण सामने आया है। पंजाब विधानसभा के असेंबली हॉल में सोमवार शाम से धरने पर बैठे कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन के बीच बुधवार को हालात बिगड़ गए। सदन में अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर कांग्रेस विधायकों ने जूता फेंक दिया। दोनों तरफ से टकराव की स्थिति पैदा हो गई और इसकी वजह से बीच में ही मार्शल तैनात करने पड़ गए। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर पर भी कागज और फाइलें भी फेंक दी। दरअसल, विधानसभा में अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका और अकाली विधायक विरसा सिंह वल्टोहा ने विधानसभा में दो रात गुजारने वाले कांग्रेस विधायकों पर सदन में शराब पीने और सदन को होटल और बार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया तो मामला बिगड़ गया। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के भारी विरोध के बीच 200 मार्शलों की तैनाती के बीच पंजाब सरकार और स्पीकर ने पेंडिंग बिल और प्रस्ताव पास किए।
बता दें कि 26 विधायकों ने लगातार दूसरी रात विधानसभा के हॉल में ही गुजारी। मंगलवार दोपहर इन विधायकों को मिलने के लिए और धरना खत्म करवाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायकों को धरना खत्म करने के लिए कहा लेकिन प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने सीएम बादल से कहा था कि पहले पंजाब के मुद्दों का हल करो, कांग्रेस विधायकों को सदन में बोलने का मौका दो, फिर धरना खत्म करेंगे। सोमवार को कांग्रेस द्वारा बादल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में लाया गया था। कांग्रेस द्वारा इस पर तीन घंटों की बहस करवाने की मांग स्पीकर से की गई थी लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बहस के दौरान विधानसभा स्पीकर अपनी कुर्सी से उठ कर चले गए। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी सदन में उपस्थित नहीं थे।
कांग्रेस का दावा है कि सदन में उन्हें बहस का पूरा समय नहीं दिया गया और स्पीकर ने ध्वनि-मत से कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करते हुए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। इसके बाद वे विधानसभा के अंदर ही धरने पर बैठ गए और विधानसभा परिसर छोड़कर जाने से इनकार कर दिया। तभी से सोमवार शाम से कांग्रेस विधायकों का विधानसभा हॉल में धरना जारी है और ये तमाम विधायक दो रातें विधानसभा में ही बिता चुके हैं। विधायक विधानसभा में ही खा रहे हैं, और सो रहे हैं। कांग्रेस विधायक जिद पर अड़े हैं कि सोमवार को जहां पर उन्हें बोलने न देकर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी बुधवार को सदन में वहीं से कार्यवाही शुरू की जाए और उन्हें सरकार के खिलाफ बोलने का मौका दिया जाए। बुधवार को विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है और विधानसभा की कार्यवाही सुबह 10 बजे शुरू होगी। इस विधानसभा के कार्यकाल का ये आखिरी सत्र है और इसके बाद सीधे चुनाव ही होंगे।