नई दिल्ली। भारतीय संचार व्यवस्था को नए पंख लग गए हैं। संचार उपग्रह जीसैट-18 को ले जाने वाले यूरोपीय एरियन 5 रॉकेट को बृहस्पतिवार सुबह फ्रेंच गुयाना से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया। हालांकि इस रॉकेट का प्रक्षेपण बुधवार को होना था लेकिन मौसम ठीक न होने के कारण इसे बृहस्पतिवार को 24 घंटे बाद लॉन्च किया गया।
इसरो ने बताया कि जीसैट-18 को सी-बैंड, विस्तारित सी-बैंड तथा केयू-बैंड में संचालित उपग्रहों पर अनवरत सेवाएं प्रदान करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। जीटीओ में इसके इंजेक्शन के बाद हासन में इसरो की मुख्य नियंत्रण सुविधा इस उपग्रह का नियंत्रण संभालेगी। एरियनस्पेस के लिए यह इस साल का आठवां लॉन्च मिशन है। भारतीय संचार उपग्रह के अलावा एरियन-5 रॉकेट ऑस्ट्रेलियाई स्काई मस्टर द्वितीय उपग्रह को भी साथ ले गया है।
जीसैट-18 एक टेलिकम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है। 48 ट्रांसपोंडर के साथ जीसैट-18 देश का नवीनतम संचार उपग्रह है, जो संचार संकेतों को प्राप्त करने के साथ-साथ भेज भी सकता है। इसका वजन 3,404 किलोग्राम है। यह 15 साल तक कक्षा में काम करने में सक्षम है। इस समय इसरो के 14 संचार उपग्रह काम कर रहे हैं।