पाकिस्तान से हजारों लोगों के पलायन की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान से सटे सीमाई इलाकों में ‘जर्ब-ए-अज़्ब’ नाम से चलाए पाकिस्तानी सेना के अभियान की वजह से हजारों पश्तूनों को घर-बार छोड़ कर जान बचाने के लिए अफगानिस्तान जाना पड़ा है।
एनआईए ने खबर दी है कि पाकिस्तानी सेना और वायुसेना के हमले की वजह से हजारों पाकिस्तानी पश्तून जान बचाने के लिए अफगानिस्तान के खोश्त भाग गए। अफगानिस्तान पहुंचे ऐसे ही एक पाकिस्तानी पश्तून कहते हैं, ‘पाकिस्तानी सरकार ने बिना किसी चेतावनी के अचानक ही हमारे इलाके में बम बरसाने शुरू कर दिए. हमें यह भी नहीं बताया गया कि हम क्या करें और जाएं कहां.’
उनका आरोप है कि पाकिस्तान किसी न किसी बहाने से हमें तबाह करने में लगा हुआ है। उनका कहना है कि लगातार हमलों की वजह से न केवल उनकी जिंदगी, बल्कि संपत्ति और मवेशियों को भी नुकसान पहुंचा है। एएनआई से बातचीत में एक अन्य पश्तून कहते हैं कि तालिबान को खत्म करने के बहाने पाकिस्तानी सेना अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को तबाह कर दे रहे हैं।
वहीं एक अन्य शरणार्थी ने पाकिस्तान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एक कहा, ‘सभी जानते हैं कि ये कथित आतंकी कहां छिपे हैं और ऑपरेट कर रहे हैं। वे इस्लामाबाद और कराची में छिपे हुए हैं।’
वह कहते हैं कि पाकिस्तान कभी अमेरिका से तो कभी पड़ोसियों से लड़ता है। हम वजीरिस्तान के लोग कभी आतंकियों के पक्षधर नहीं रहे हैं। हमने कभी उनको शरण नहीं दी। हम किसी तरह की आतंकी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते। इसके बावजूद पिछले चालीस साल से हमारे ऊपर यह जंग थोपी हुई है।