नई दिल्ली। चुनावों में धन के बेजा इस्तेमाल को रोकने के प्रति चुनाव आयोग गंभीर है। उसका कहना है, अगर सभी राजनीतिक दल तैयार हों और सरकार पर्याप्त संसाधन एवं सुरक्षा बल उपलब्ध कराए तो लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराया जा सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने बुधवार को यहां अंतरराष्ट्रीय मतदाता शिक्षा सम्मलेन का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उक्त बात कही। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ कराए जाने के बारे में पिछले दिनों जो पत्र चुनाव आयोग को लिखा था, उस पर आयोग ने क्या कदम उठाया, डॉ. जैदी ने कहा कि अगर सभी राजनीतिक दल एक साथ चुनाव कराए जाने के पक्ष में हैं और केंद्र सरकार हमें पर्याप्त सुरक्षा बल व संसाधन मुहैया कराए तो लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर हमें कोई आपत्ति नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि अगले साल उत्तर प्रदेश और गुजरात समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखें कब घोषित होंगी और ये चुनाव क्या राज्यों में एक साथ होंगे या अलग अलग चरणों में होंगे, उन्होंने कहा, ‘ हम आनेवाले त्योहारों और बच्चों की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय करेंगे और तभी इसकी घोषणा की जाएगी।’
सार्वजानिक स्थलों व सार्वजानिक कोष के जरिये पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की प्रतिमा लगाए जाने के मामले में बहुजन समाज पार्टी की नेता सुश्री मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग क्या करवाई करेगा, यह पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने सिर्फ इतना कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद ही इन मुद्दों पर कोई कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जैदी ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर कहा कि चुनाव आयोग चुनाव में धन के बेजा इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और आनेवाले दिनों में हम इस धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए योजनाएं बनाएंगे। सम्मलेन में 27 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह में चुनाव आयुक्त एके ज्योति और ओपी रावत व उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा, कई पूर्व चुनाव आयुक्त एवं वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।