आतंक के पनाहगारों को मालूम था ओसामा का पता

नई दिल्ली। आतंकवादियों के पनाहगार पाकिस्तान की एक और झूठ दुनिया के सामने आ गई है। इसे सामने लाने वाले कोई और नहीं बल्कि वहां के पूर्व रक्षा मंत्री ही हैं। पाकिस्तान के पूर्व रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने कहा है कि बतौर रक्षा मंत्री उन्हें, तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी, सेनाध्यक्ष अशफाक परवेज कयानी और खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख व अन्य अधिकारियों को ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में रहने की जानकारी थी। 2011 में अमेरिकी सील कमांडो की कार्रवाई में मारे जाने से सात साल पहले से सरकार और सेना जानती थी कि अलकायदा सरगना का ठिकाना एबटाबाद में है।

एबटाबाद के इसी घर में रहता था लादेन
एबटाबाद के इसी घर में रहता था लादेन

एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने माना कि दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी उनके देश का मेहमान था। मुख्तार वर्ष 2008 से 2012 तक गिलानी के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री थे। लादेन के एबटाबाद में मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने दुनिया के सामने यही दावा किया था कि उसे नहीं पता था कि अफगानिस्तान से भागा लादेन उसके सैन्य इलाके में रह रहा है। तत्कालीन गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा था कि उनकी सरकार को लादेन के बारे में कुछ पता नहीं था। अधिकारियों या सेना की ओर से लादेन को कोई संरक्षण नहीं मिला हुआ था। पाक सेनाध्यक्ष कयानी ने कहा था, मैं 500 फीसदी दावे के साथ कह सकता हूं कि ओसामा के बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं था।

अमेरिका में 9/11 की घटना के बाद अफगानिस्तान में हुई सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए लादेन भागकर पाकिस्तान आ गया था। मुख्तार ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अगर दुनिया को लादेन का पता चलता है, तो वह खुदकुशी कर लेगा और किसी भी जांच एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़ पाएगा।  लादेन को दो मई, 2011 को अमेरिकी सेना ने एक बेहद गोपनीय कार्रवाई के तहत इस्लामाबाद से सौ किमी दूर एबटाबाद में उसके ठिकाने पर ही ढेर कर दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *