नई दिल्ली। भोपाल मुठभेड़ मामला हाईकोर्ट पहुंच सकता है। सिमी सदस्यों के वकील अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। भोपाल में सिमी के आठ सदस्यों की कथित मुठभेड़ में मौत पर उठ रहे सवालों के बीच उनके वक़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने और इसके लिए उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने की बात कही है।
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया एक प्रतिबंधित संगठन है और सिमी के ये सदस्य भोपाल जेल में क़ैद थे। सोमवार सुबह भोपाल पुलिस ने बताया था कि ये लोग जेल से फ़रार हो गए और फिर पुलिस ने इन्हें एक मुठभेड़ में मार देने का दावा किया था।
इन अभियुक्तों के वक़ील परवेज़ आलम ने स्थानीय पत्रकार शूरैह नियाज़ी से बातचीत में कहा, “ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी है। मैं हाईकोर्ट जाऊंगा। इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करूंगा। दरअसल, पुलिसवालों को अपना सिरदर्द ख़त्म करना था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं अभी इसके ब्योरे में नहीं जाना चाहता। फिलहाल इतना ही कहना चाहता हूं कि मैं हाईकोर्ट जा रहा हूं।’
भोपाल की सेंट्रल जेल से इन सिमी सदस्यों के फ़रार होने और मुठभेड़ में मारे जाने के मामले पर सोमवार से बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया- ‘जेल से फ़रार होने वाले अपराधी चाहे कैसे भी तत्व क्यों न हों, एक लोकतंत्र में सरकारी एजेंसियों का उन्हें इस तरह ख़त्म करना उचित नहीं है। इस मामले की कार्यरत जज से जांच कराई जानी चाहिए।’
सिंघवी ने लिखा है, ‘अगर जज उन वीडियो को (जो चल रहे हैं) सही पाते हैं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए।’ कांग्रेस नेता और सांसद ज्योतरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘मामले पर जल्द से जल्द जांच ज़रूरी है। 8 कैदी भोपाल सेंट्रल जेल से निकलकर कैसे फरार हुए, इस भारी चूक के लिए ज़िम्मेदार कौन है?’
उन्होंने लिखा-‘कुछ साल पहले भी खण्डवा जेल से आतंकी फरार होने की घटना सामने आई थी। इसके बावजूद जेल की सुरक्षा और पुख्ता क्यों नहीं की गई ?’
इससे पहले कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या ये लोग “सरकारी जेल से भागे या फिर किसी योजना के तहत भगाए गए।” मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह इस बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहे।