नई दिल्ली। दिल्ली में स्मॉग के मुद्दे पर हाहाकार मचा है। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने मंगलवार को एक बार फिर दिल्ली सरकार समेत पांच राज्यों को जमकर फटकार लगाई। उसने दिल्ली में 7 दिनों तक किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली में प्रदूषण मामले पर सुनवाई की और केंद्र सरकार से सारे पक्षों से बात कर 48 घंटे में साझा न्यूनतम प्लान लाने को कहा है।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या उसके पास स्मॉग कम होने से संबंधित कोई भी आंकड़ा मौजूद है? पानी का छिड़काव क्रेन के बजाय हेलिकॉप्टर से क्यों नहीं किया जा रहा है?
एनजीटी ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान सरकार को भी प्रदूषण से निपटने के लिए ढुलमुल रवैया अपनाने के लिए कड़ी फटकार लगाई गई है। उसने कहा, ‘दीवाली और क्रॉप बर्निंग से होने वाले प्रदूषण के बारे में तो सब जानते ही हैं, पर क्या सरकार ने अगस्त और सितंबर में प्रदूषण से निपटने को लेकर कोई बैठक की थी? आपने प्रदूषण कम करने के लिए कौन से बड़े कदम उठाए हैं।’
एनजीटी ने सख्त लहजे में कहा कि यह जिंदगी और मौत का सवाल है, आपने बच्चों को अपने घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है। प्रदूषण से बचाव के लिए पहने जाने वाले मास्क की भी अपनी सीमाएं हैं, एक हद के बाद शायद ये भी नुकसानदायक है।
पंजाब सरकार से एनजीटी ने पूछा कि आपने किसानों को क्रॉप बर्निंग के लिए कितनी मशीनें उपलब्ध कराई हैं? क्रॉप बर्निंग को कम करने के लिए क्या अहम कदम उठाए गए हैं? पंजाब सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनजीटी ने कहा कि अगर आपने 1000 रुपये भी किसानों को दिए होते, तो वे कृषि से संबंधित कूड़ा इस तरह नहीं जलाते। एनजीटी ने हरियाणा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, आपने स्मॉग और प्रदूषण से पैदा हुए हालात को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया है।
सुप्रीमकोर्ट ने स्मॉग अलर्ट सिस्टम भी बनाने को कहा है। इस सिस्टम के तहत यह तय किया जाए कि स्मॉग का लेवल बढ़ने के साथ कौन से आपातकालीन कदम उठाए जाएं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि बीजिंग, पेरिस और सिंगापुर में जिस तरह इमरजेंसी के तहत सिटी की गतिविधियों को बंद करने का प्लान होता है, क्या आपके पास ये ग्रेड सिस्टम है?
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके पास छह वेक्यूम क्लीनर मशीनें हैं, जिनमें से दो ही चल रही हैं। 17 मशीनें और चाहिए। मर्सिडीज की ओर से कहा गया कि वह दिल्ली सरकार को दो वेक्यूम क्लीनर देने को तैयार है।
दरसअल, प्रदूषण को लेकर कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि उसने पहले कई निर्देश दिए थे, लेकिन उन्हें प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया है, जिसकी वजह से पब्लिक इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं।