अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने जिस तरह से पूरी दुनिया को चौंकाया था उसी तरह ट्रंप अब अपने फैसले से दुनिया को चौंका रहे हैं। अपनी टीम में विरोधियों को शामिल कर ट्रंप यह संदेश देने की कोशिश में हैं कि लोग भले ही उनकी आलोचना करें मगर उन्हें अमेरिका के हित में विरोधियों के साथ काम करने से कोई गुरेज नहीं है। इसी कड़ी में उन्होंने पेप्सीको की चेयरमैन और सीईओ इंदिरा नूई को अपनी आर्थिक सलाहकार समिति में शामिल किया है। मालूम हो कि ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने पर नूई ने आलोचना की थी।
नूई के अलावा स्पेस एक्स और टेस्ला के फाउंडर इलोन मस्क और ऊबर के सीईओ ट्रेविस कैलेनिक को भी इस सलाहकार समिति में शामिल किया गया है। ये दोनों भी ट्रंप के आलोचक रह चुके हैं। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मस्क ने कहा था कि ट्रंप वाइट हाउस में जाने के काबिल नहीं हैं जबकि कैलेनिक ने कहा था कि अगर ट्रंप जीतते हैं तो वह ‘चीन चले जाएंगे।’
इनके अलावा ट्रंप ने अपने विरोधी माने जाने वाले रिक पेरी को ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी दी है। वहीं उनकी आलोचक रहीं निकी हेली को भी अपने प्रशासन में बड़ी जवाबदेही सौंपी है। हेली को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का अगला दूत नियुक्त किया है। ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए उनके विरोधी रहे बेन कारसन को भी उनकी सरकार में जगह ऑफर की है। ट्रंप को अपने विरोधियों या आलोचना करने वालों के खिलाफ सख्त माना जा रहा है लेकिन उनकी इन नियुक्तियों ने इस धारणा को तोड़ा है। हालांकि यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या ट्रंप इन नियुक्तियों से यह संदेश देना चाहते हैं कि वे सबको साथ लेकर चलने वाले लोगों में हैं या फिर नाराजगी को खत्म करने की कोशिश क्योंकि नूई, मस्क और कैलेनिक को समिति में शामिल किए जाने की घोषणा के पहले ट्रंप को निजी क्षेत्र के कारोबारियों को प्रशासन में ज्यादा जगह नहीं देने के कारण नाराजगी का सामना करना पड़ा था। संभव है कि ये नियुक्तियां महज इस नाराजगी को खत्म करने के लिए की गई हो।
नूई ने की थी आलोचना
ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद नूई ने कहा था कि इस जीत से उनकी बेटियां, समलैंगिक कार्यकर्ता, कर्मचारी और अश्वेत लोग ‘गहरी चिंता’ में हैं। अब इस देश में वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके इस बयान से काफी हो-हल्ला मचा था। इसे इस तरह फैलाया गया था कि नूई ट्रंप विरोधी हैं और उनके समर्थकों से नफरत करती हैं। इसके बाद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर पेप्सी का बॉयकॉट करने की मुहिम भी चलाई थी। स्ट्रैटजिक एंड पॉलिसी फोरम की 19 सदस्यीय समिति ट्रंप को आर्थिक मामलों पर सलाह देगी। चेन्नई में पैदा हुईं 61 वर्षीय नूई हिलेरी क्लिंटन की समर्थक रहीं हैं।