नई दिल्ली। तमाम चुनौतियों के बावजूद नकदी विहीन धन हस्तांतरण के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे भुगतान के तरह तरह के विकल्प सामने आ रहे हैं। सूत्र यहां तक कह रहे हैं कि देश में कैशलेस व्यवस्था को लागू करने के लिए केंद्र सरकार कैश की बड़ी निकासी पर बजट में टैक्स लगाने का प्रावधान कर सकती है। आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 11 कंपनियों को पेमेंट बैंक सेवा के लिए मंजूरी दे दी है।
इनमें एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस और आदित्य बिरला के अलावा चोला मंडलम, डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस, टेक महिंद्रा, नेशन सिक्योरिटीज डीपोजीटरी लिमिटेड, फिनो पेटेक, सन फर्मा दिलिप शांतीलाल शांघवी और विजय शंकर शर्मा की पेटीएम का नाम शामिल है। एयरटेल पेमेंट बैंक की बात करें तो फोन नंबर ही आपका अकाउंट नंबर होगा और 7.25% ब्याज भी मिलेगा।
पेमेंट बैंक की उपयोगिता लगातार बढ़ रही है जिसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक बैंकिंग सेवा मुहैया कराना है जो अब तक बैंकिंग सेवा से महरूम हैं। छोटे—मोटे व्यवसाय करने वालों को कम दर पर ऋण मुहैया कराना और स्मॉल सेविंग को बढ़ावा देना है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले श्रमिकों और समाज के वंचित तबकों से पूंजी जमा कराने और पैसे भेजने जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
पेमेंट बैंक साधारण बैंक से अलग हैं और इनके कार्य करने का तरीका भी अलग होगा। साधारण बैंक की तरह पेमेंट बैंक भी पैसे जमा ले सकते हैं लेकिन इनकी सीमा निर्धारित है। पेमेंट बैंक एक ग्राहक से अधिकतम 1,00,000 रुपये तक का ही जमा ले सकते हैं। पेमेंट बैंक अपने ग्राहकों के सेविंग और करेंट दोनों प्रकार के खाते की सुविधा दे सकते हैं। आरबीआई के नियमों के मुताबिक पेमेंट बैंक एटीएम और डेबिट कार्ड सेवा दे सकेंगे लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने का अधिकार इन्हें नहीं होगा।
पेमेंट बैंक एनआरआई से डिपोजिट नहीं ले सकते। अर्थात भारतीय मूल के जो लोग विदेशों में बस गए हैं उनके पैसे का जमा नहीं ले सकते। ये पेमेंट बैंक एटीएम, बिजनेस करेस्पांडेंस और मोबाइल बैंकिंग की मदद से पेमेंट और प्रेषण सेवा दे सकते हैं। वहीं इनके सेल्स टर्मिनल्स से नकद प्राप्ति की सेवा भी दी जाएगी। अर्थात कोई व्यक्ति किसी दूसरे शहर से अपने दोस्त या परिवार को पैसे भेजता है तो दोस्त या रिश्तेदार नजदीकी पेमेंट बैंक के सेल्स अकाउंट से नकदी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए अकाउंट की आवश्यकता नहीं होगी।
पेमेंट बैंक ऋण, कर्ज या उधार सेवा नहीं दे सकते। पेमेंट बैंक दूसरे बैंक के साथ सहयोगी की तरह कार्य कर सकते हैं और म्युचुअल फंड और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स का डिस्ट्रीब्यूशन भी कर सकेंगे। हालांकि पेमेंट बैंक दूसरे बैंकों के लिए आरटीजीएस/एनईएफटी/आईएमपीएस के माध्यम से लोन का लेन—देन कर सकते हैं।