एक नया नीति आयोग?

नीति आयोग

पूर्व वित्त सचिव एवं वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय केलकर ने नीति आयोग के पुनरुद्धार और एक नया संगठन बनाने का सुझाव दिया है, जो वर्तमान नीति आयोग के विपरीत, राज्यों को पूंजी और राजस्व अनुदान आवंटित कर सकता है. हालांकि, यह सुझाव पांच साल से भी कम समय के भीतर आया है.

सरकार ने योजना आयोग की जगह नीति आयोग बनाया था. सूत्रों के अनुसार, केलकर ने तर्क दिया कि प्रस्तावित नई इकाई का उपयोग अर्थव्यवस्था में क्षेत्रीय असंतुलन हटाने सहित संरचनात्मक मुद्दों से संबंधित काम करने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि भारत में क्षेत्रीय रूप से संतुलित विकास को बढ़ावा देने वाले योजना आयोग की जगह नीति अयोग के आने से सरकारी नीतियों की पहुंच कम हो गई है.

थिंक टैंक के पास धन आवंटित करने की शक्तियां नहीं हैं और वह केवल सरकार से सिफारिशें कर सकता है. फंडिंग वित्त मंत्रालय का एकमात्र उद्देश्य है, जबकि पहले योजना आयोग भी धन आवंटित कर सकता था. दूसरे, यह राज्य सरकारों पर नीतियों का पालन करने के लिए दबाव नहीं डाल सकता, जबकि योजना आयोग इस मामले में ताकतवर था. केलकर ने सुझाव दिया है कि अगर नीति आयोग को सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था का हिस्सा बनाया जाए, तो यह अधिक प्रभावी हो सकता है. केलकर की नई नीति, आयोग को उच्चतम ज्ञान आधारित सलाह और नीति प्रस्तावों पर दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करेगी. क्या सरकार एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री एवं पूर्व नौकरशाह की राय मानेगी?

 

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