पाकिस्तान को ‘आतंकवाद प्रायोजक देश’ घोषित करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को अर्काइव में डाल दिया गया है। व्हाइट हाउस की वेबसाइट ने फिलहाल इस याचिका को रोक लिया है। हालांकि इससे पहले व्हाइट हाउस ने इस पर हस्ताक्षर स्वीकार करने भी बंद कर दिए थे।
दरअसल, इस याचिका पर कुछ ही दिनों में रिकॉर्ड पांच लाख हस्ताक्षर आ गए थे। यह आंकड़ा ओबामा प्रशासन से जवाब प्राप्त करने के लिए हस्ताक्षरों की जरूरी संख्या से पांच गुना अधिक है। उधर, व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर एक और याचिका डाली गई। ये पाकिस्तान समर्थकों की ओर से डाली गई है। इसमें दावा किया गया है कि भारत ‘अपने पड़ोसी देशों में आतंकवाद फैलाने में शामिल है।’
व्हाइट हाउस ने सोमवार को बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ दायर याचिका को अर्काइव में डाल दिया गया है, क्योंकि इसने ‘हस्ताक्षर संबंधी जरूरतों’ को पूरा नहीं किया है। याचिका पृष्ठ पर इसके बारे में क्लोज्ड पिटीशन यानि बंद कर दी गई याचिका लिखा है। इस याचिका पर रोक लगाने को लेकर व्हाइट हाउस ने कोई ब्योरा नहीं दिया।
आमतौर पर इस तरह की याचिका पर हस्ताक्षर करने का विकल्प एक महीने तक उपलब्ध रहता है। लगता है कि कुछ हस्ताक्षरों ने भागीदारी की शर्तो को पूरा नहीं किया होगा। इसके बाद इस पर रोक लगाई गई होगी। बहुत संभव है कि धोखाधड़ी के सुबूत मिलने पर कुछ हस्ताक्षरों को याचिका से हटाया जा सकता है।
पाकिस्तान के खिलाफ यह याचिका 21 सितंबर को दाखिल की गई थी। याचिका पर व्हाइट हाउस के जवाब के लिए 30 दिनों में एक लाख हस्ताक्षर की जरूरत थी, ये आंकड़ा एक सप्ताह में ही पूरा हो गया था।